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Published 23:34 IST, October 16th 2024

बच्चे के सामने यौन संबंध बनाना नाबालिग का यौन उत्पीड़न: केरल HC

केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि नाबालिग के समक्ष यौन संबंध बनाना या शरीर का निर्वस्त्र प्रदर्शन करना बच्चे का यौन उत्पीड़न है और यह पॉक्सो के तहत दंडनीय है।

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Nearly 62,000 of cases pending in high courts are over 30 years old
high court | Image: Representative Image

केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि नाबालिग के समक्ष यौन संबंध बनाना या शरीर का निर्वस्त्र प्रदर्शन करना बच्चे का यौन उत्पीड़न है और यह यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दंडनीय है।

न्यायमूर्ति ए बदरुद्दीन ने यह फैसला एक व्यक्ति की याचिका पर सुनाया, जिसमें उसने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), पॉक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के लिए उसके खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने का अनुरोध किया था।

व्यक्ति पर आरोप था कि उसने कमरे का दरवाजा बंद किए बिना एक लॉज में नाबालिग की मां के साथ यौन संबंध बनाए और फिर इस कृत्य को देखने वाले लड़के की पिटाई की, क्योंकि उसने इस पर सवाल उठाया था। आरोपी-याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दावा किया कि उसके खिलाफ कोई भी अपराध नहीं बनता।

उच्च न्यायालय ने कहा कि जब कोई व्यक्ति किसी बच्चे को अपना निर्वस्त्र शरीर दिखाता है, तो यह बच्चे पर यौन उत्पीड़न करने के इरादे से किया गया कृत्य है। अदालत ने कहा कि इसलिए, पॉक्सो अधिनियम की धारा 11(आई) (यौन उत्पीड़न) के साथ धारा 12 (यौन उत्पीड़न के लिए दंड) के तहत दंडनीय अपराध लागू होगा।

अदालत ने कहा, ‘‘इस मामले में, आरोप यह है कि आरोपी व्यक्तियों ने निर्वस्त्र होने के बाद, यहां तक ​​कि कमरे को बंद किए बिना यौन संबंध बनाए, और नाबालिग को कमरे में प्रवेश करने दिया जिससे नाबालिग ने यह कृत्य देख लिया।’’

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘इस प्रकार, प्रथम दृष्टया, इस मामले में याचिकाकर्ता (आरोपी व्यक्ति) के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम की धारा 11(आई) एवं 12 के तहत दंडनीय अपराध करने का आरोप बनता है।’’

अदालत ने कहा कि चूंकि व्यक्ति ने बच्चे की पिटाई की और नाबालिग की मां ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की, इसलिए धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए सजा) और 34 (समान इरादा) के तहत भी अपराध किया गया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि व्यक्ति को पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 34 के तहत अपराधों के लिए मुकदमे का सामना करना होगा।

Updated 23:34 IST, October 16th 2024