अपडेटेड 9 January 2025 at 23:32 IST

हसीना के प्रत्यर्पण का उनके भारतीय वीजा की अवधि के कथित विस्तार से कोई लेना-देना नहीं: बांग्लादेश

प्रवक्ता रफीकुल आलम ने बृहस्पतिवार को बताया कि ढाका के पास ‘अतिरिक्त जानकारी नहीं है, इसलिए हम अटकलें नहीं लगाएंगे’।

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Sheikh Hasina
Sheikh Hasina | Image: PTI

मोहम्मद यूनुस नीत बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारतीय वीजा की अवधि में कथित बढ़ोतरी का ढाका द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री के प्रत्यर्पण के लिए भारत से किए गए अनुरोध से कोई लेना-देना नहीं है।

विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा, “हमने भारत से शेख हसीना को बांग्लादेशी नागरिक के रूप में वापस भेजने का अनुरोध किया है। भारत में उनकी स्थिति का इस अनुरोध से कोई संबंध नहीं है। यह हमारे विचार का विषय नहीं है।”

हसीना (77) पिछले वर्ष पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार के पतन के कारण हसीना भारत आ गयी थीं। अंतरिम सरकार ने मंगलवार को कहा था कि उसने हसीना और 96 अन्य लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं क्योंकि ये सभी लोगों को जबरन गायब करने और जुलाई में हुई हत्याओं में कथित रूप से शामिल थे।

प्रवक्ता रफीकुल आलम ने बृहस्पतिवार को बताया कि ढाका के पास ‘अतिरिक्त जानकारी नहीं है, इसलिए हम अटकलें नहीं लगाएंगे’।

आलम ने बताया कि उनसे मीडिया में आई खबरों पर टिप्पणी मांगी गई थी कि नयी दिल्ली ने हाल ही में हसीना के वीजा की अवधि को बढ़ा दिया है जबकि बांग्लादेश ने उनका राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है। उन्होंने बताया कि जब किसी बांग्लादेशी नागरिक का पासपोर्ट रद्द किया जाता है, तो संबंधित देश को बांग्लादेश के मिशनों के माध्यम से सूचित किया जाता है और ऐसे मामलों में वीजा की आवश्यकता नहीं रह जाती।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 9 January 2025 at 23:32 IST