अपडेटेड 22 July 2025 at 09:09 IST
हरिद्वार में हरि की पौड़ी पर उमड़ा शिवभक्तों का जनसैलाब, कांवड़ यात्रा के आखिरी दिन जल लेने लाखों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
मंगलवार को हरिद्वार के हरि की पौड़ी पर शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। कांवड़ यात्रा के आखिरी दिन लाखों श्रद्धालु गंगा जल लेने यहां पहुंचे हैं।
- भारत
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उत्तराखंड के हरिद्वार में श्रावण के महीने के दौरान लगने वाला कांवड़ यात्रा का आज, मंगलवार को आखिरी दिन है। 23 जुलाई को कांवड़ यात्रा समाप्त हो जाएगी। 12 दिनों के अंदर देश के अलग-अलग हिस्सों से आए करीब 3 करोड़ 56 लाख कावड़ यात्री गंगा जल लेकर रवाना हुए है। यात्रा के आखिरी दिन भी गंगाजल लेने हरि की पौड़ी पर शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ा है।
11 जुलाई से शुरू हुए कांवड़ यात्रा अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। मंगलवार को यात्रा के आखिरी दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगाजल लेने हरिद्वार पहुंचे है। हरि की पौड़ी श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ है। जहां तक नजरे जा रही शिवभक्त ही नजर आ रहे हैं। जल लेकर जल्दी लौटने वाले डाक कांवड़ियों की संख्या भी काफी है।
कांवड़ यात्रा का आखिरी दिन
यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण के लिए प्रशासन की ओर से भी पूरी तैयारी की गई है। पुलिस बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए और यातायात को सुगम बनाने के लिए योजना के तहत काम कर रही है। बता दें कि 12 दिन के अंदर 3 करोड़ 56 लाख कांवड़ यात्री गंगा जल लेकर रवाना हो चुके हैं। वहीं, रविवार और सोमवार को मात्र 2 दिन में 56 लाख कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे थे।
हरि की पौड़ी पर शिवभक्तों का जनसैलाब
आज, 22 जुलाई को भी करोड़ों की संख्या में कांवड़ यात्रियों के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद। सुबह से अब तक लाखों की संख्या में शिवभक्त जल लेने हरि की पौड़ी पर पहुंचे हैं। कांवड़िए हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से आ रहे हैं। बैरागी कैम्प में बना अस्थायी पार्किंग स्थल कांवड़ियों के वाहनों से पटा पड़ा है।
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23 जुलाई को यात्रा होगी समाप्त
बता दें कि कांवड़ यात्रा एक वार्षिक तीर्थयात्रा है जो हर साल श्रावण के महीने में आयोजित किया जाता है। इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू हुई जो 23 जुलाई को समाप्त होगी। 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि है, जो इस यात्रा का समापन दिवस है। सावन शिवरात्रि के दिन श्रद्धालु हरिद्वार से लाए गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 22 July 2025 at 09:04 IST