अपडेटेड January 28th 2023, 23:50 IST
Successful Testing of Hypersonic Missile: शुक्रवार यानी 27 जनवरी 2023 को एक नया इतिहास लिखा गया। दरसल भारत ने शुक्रवार को स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSDTV) का ओडिशा के कलाम द्वीप से परीक्षण किया। दुश्मनों पर कहर बरसाने वाला यह मिसाइल ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक तेजी से उड़ने में कामयाब है।
इस तकनीक में एक स्क्रैमजेट इंजन (सुपरसोनिक-दहन रैमजेट) का उपयोग किया गया है, जो इसे हाइपरसोनिक गति प्रदान करता है। यह खास तकनीक दुनिया में सिर्फ तीन देशों के पास उपलब्ध है। हाइपरसोनिक मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद अब भारत सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस से पीछे है।
बता दें कि हाइपरसोनिक हथियार दो तरह के होते हैं। एक होता है ग्लाइड व्हीकल्स और दूसरा क्रूज मिसाइल। फिलहाल दुनिया के ज्यादातर देश यहां तक कि भारत भी हाइपरसोनिक ग्लाइड पर जोर दे रहा है। जानकार बताते हैं कि इसकी असल वजह ग्लाइड व्हीकल्स के पीछे मिसाइल लगाई जाती है।
आम भाषा में हाइपरसोनिक हथियार का मतलब होता है आवाज से भी 5 गुना तेज स्पीड में चलने वाला हथियार। यानी जो हथियार हवा में 6115 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ सके, उसे हम हाइपरसोनिक हथियार कहेंगे। अगर यह हथियार समुद्र से कुछ ऊपर 1220 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से उड़ सके, उसे हम हाइपरसोनिक हथियार कहेंगे। हाइपरसोनिक हथियार की खासियत होती है कि यह कम ऊंचाई पर भी उड़ सकता है। आसानी से टारगेट का पीछा कर सकता है, भले ही टारगेट भाग रहा हो। यानी यह पीछा करके अपने निशाने को ध्वस्त कर देता है।
खबरों के मुताबिक, हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSDTV) का सफल परीक्षण शुक्रवार यानी 27 जनवरी 2023 को दोपहर में ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलम द्वीप से किया गया। हालांकि अभी तक इस परीक्षणको लेकर रक्षा मंत्रालय और डीआरडीओ (DRDO) की तरफ से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।
Indian Aerospace Defence News के ट्वीटर हैंडल से 18 सेकेंड के एक वीडियो को को ट्वीट करते हुए लिखा गया, "भारत ने ओडिशा तट के कलाम द्वीप से #हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण किया।"
पब्लिश्ड January 28th 2023, 23:48 IST