अपडेटेड 29 January 2024 at 21:44 IST

Gyanvapi Case में नया मोड़, हिंदू पक्ष के वकील ने की वजूखाने के सर्वे की मांग, SC में याचिका दाखिल

विष्णु शंकर जैन में सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वजू टैंक एरिया के फीचर्स की और सारे एरिया की स्टडी करने के लिए वहां पर ASI को सर्वेक्षण का आदेश दिया जाए।

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lawyer Vishnu Shankar Jain
ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन | Image: ANI/ @Vishnu_Jain1

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने सोमवार को कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट में एक एप्लीकेशन फाइल की है, जिसमें मांग की गई है कि जो सुप्रीम कोर्ट का 19 मई 2023 का स्टे ऑर्डर है, जिसमें वजू टैंक और सील एरिया का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था, जिसको शीर्ष अदालत ने स्टे किया है। उस स्टे ऑर्डर को वापस लिया जाए। 

विष्णु शंकर जैन ने बताया कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि उस पूरे वजू टैंक एरिया के फीचर्स की और सारे एरिया की स्टडी करने के लिए वहां पर ASI को सर्वेक्षण का आदेश दिया जाए। क्योंकि सर्वेक्षण से ही ये साबित हो पाएगा कि वो फाउंटेन है या शिवलिंग है। ये दोनों एप्लीकेशन सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं और मांग की गई है कि वहां पर अभी 8 और तहखाने हैं जिनमें सर्वेक्षण नहीं हो पाया है, उसका भी सर्वे का ऑर्डर सुप्रीम कोर्ट पारित करे।

ज्ञानवापी सर्वे पर ASI की रिपोर्ट में क्या निकला?

ज्ञानवापी परिसर की ASI सर्वे की रिपोर्ट को कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्षों को सौंप दिया गया है। ASI सर्वे की स्टडी रिपोर्ट 839 पन्नों की है। जिसको लेकर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा दावा किया है। विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, “ASI ने कहा है कि मस्जिद में जो खंभे लगे हुए हैं वो हिंदू मंदिर के थे जिन्हें पुन: उपयोग किया गया। मतलब हिंदू मंदिर के खंभे को मॉडिफाई किया गया।”

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हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर ने कहा,"ASI ने कहा है कि वहां पर 34 शिलालेख है जहां पर पहले से हिंदू मंदिर था। जो पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को पुन: उपयोग कर ये मस्जिद बनाया गया। इनमें देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों में शिलालेख मिले हैं। इन शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के तीन नाम मिलते हैं।"

मौजूदा संरचना से पहले वहां मंदिर था- जैन

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विष्णु शंकर जैन के मुताबिक, ASI रिपोर्ट के एक हिस्से में कहा गया है, "वैज्ञानिक अध्ययन/सर्वेक्षण में वास्तुशिल्प अवशेषों, कलाकृतियों शिलालेखों, कला और मूर्तियों का अध्ययन किया गया, यह कहा जा सकता है कि मौजूदा संरचना के निर्माण से पहले वहां एक हिंदू मंदिर मौजूद था।"

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 29 January 2024 at 21:37 IST