अपडेटेड 15 December 2024 at 21:54 IST

सरकार ने जलमार्ग से माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए ‘जलवाहक’ प्रोत्साहन योजना शुरू की

केंद्र सरकार ने अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए रविवार को ‘जलवाहक’ योजना शुरू की।

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'Jalavahak' incentive scheme to promote freight transportation by waterways
'Jalavahak' incentive scheme to promote freight transportation by waterways | Image: X@sarbanandsonwal

केंद्र सरकार ने अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए रविवार को ‘जलवाहक’ योजना शुरू की। यह योजना राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा), 2 (ब्रह्मपुत्र) और 16 (बराक नदी) पर टिकाऊ और लागत प्रभावी परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

केंद्रीय बंदरगाह, पोत-परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तीन मालवाहक जहाजों को हरी झंडी दिखाई और जहाजों की निर्धारित अनुसूचित सेवा का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य अंतर्देशीय जलमार्गों की व्यापार क्षमता को खोलने के साथ-साथ रसद लागत को कम करना और सड़क और रेल नेटवर्क पर भीड़भाड़ कम करना है। इस योजना के तहत, जलमार्गों के माध्यम से 300 किलोमीटर से अधिक दूरी तक माल परिवहन करने वाले कार्गो मालिकों को परिचालन लागत पर 35 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति मिलेगी।

यह योजना तीन वर्षों तक वैध रहेगी और इसे प्रमुख माल ढुलाई कंपनियों, माल ढुलाई प्रेषकों और व्यापार निकायों के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को अनुकूलित करने के लिए तैयार किया गया है। इस योजना को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और भारतीय शिपिंग निगम की अनुषंगी कंपनी अंतर्देशीय और तटीय शिपिंग लिमिटेड (आईसीएसएल) द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा।

निश्चित समय वाली नौकायन सेवा कोलकाता-पटना-वाराणसी और कोलकाता-पांडु (गुवाहाटी) मार्गों के बीच जहाजों को चलाएगी, जो कुशल और पर्यावरण के अनुकूल माल ढुलाई परिवहन के लिए जलमार्गों की तत्परता को प्रदर्शित करती है।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 15 December 2024 at 21:54 IST