अपडेटेड 23 February 2024 at 11:52 IST
गोरखपुर: बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे पर ED का शिकंजा, SP नेता विनय के घर पर छापेमारी
आज तड़के 4:00 बजे से पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत पंडित हरिशंकर तिवारी और उनके परिजनों की प्रॉपर्टी पर ED ने रेड डाली है।

राघवेंद्र पाण्डेय
ED Raid: आज तड़के 4:00 बजे से पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत पंडित हरिशंकर तिवारी और उनके परिजनों की प्रॉपर्टी पर ED ने रेड डाली है। तिवारी के हाता नाम से मशहूर गोरखपुर आवास पर रेड जारी है, कई और स्थान पर ED ने रेड डाली है। केंद्रीय सुरक्षा बल के घेरे में 'तिवारी जी' का हाता आ गया है।
जानकारी के मुताबिक, गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम पर बैंक के करोड़ों रुपए के लोन डिफाल्ट का मामले में रेड डाली गई है। 3 घंटे से लगातार रेड जारी है। तिवारी हाता छावनी में तब्दील हो गया है। इससे पहले भी रेड पड़ चुकी है। 7 से 8 गाड़ियों में आए ईडी के अधिकारी आए हैं। दिवंगत हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी बसपा से विधायक रहे थे। वहीं बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी संत कबीर नगर से सांसद रहे हैं।
750 करोड़ रुपए का स्कैम
मीडिया रिपोर्ट्स में 750 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी मामला सामने आया है। इसी मामले में विनय शंकर तिवारी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का पहले से केस दर्ज किया गया। पिछले दिनों उनकी सम्पत्ति भी जब्त की गई थी। इसी मामले में छापेमारी की कार्रवाई की गई है। छापे की सूचना पर के बाद तिवारी ‘हाता’ पर शुभचिंतकों की भीड़ लग गई।
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विनय शंकर और उनकी कम्पनी पर आरोप है कि बैंक लोन का भुगतान कराने के लिए बैंक ऑफ इंडिया लखनऊ की टीम तीन साल पहले पहुंची थी। फिर वो सम्पत्ति की जानकारी करके लौट गई थी। जालसाजी के मामले में 2020 में पहले बार सीबीआई की एंट्री हुई। 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह से 750 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। एजेंसी के लखनऊ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत चिल्लूपार (गोरखपुर) से पूर्व विधायक और लखनऊ स्थित गंगोत्री इंटरप्राइजेज के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी। ईडी ने विनय, उनकी पत्नी रीता, गंगोत्री इंटरप्राइजेज सहित अन्य के खिलाफ सीबीआई की FIR के आधार पर ये केस दर्ज किया था। सीबीआई ने मामले में शिकायत दर्ज करने के बाद लखनऊ और नोएडा में छापे मारे थे। कथित धोखाधड़ी बैंक ऑफ इंडिया नीत बैंकों के समूह के खिलाफ की गई, जो 754.25 करोड़ रुपये की बताई गई।
मामला क्या?
डेबिट रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) के मुताबिक फर्म मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अन्य ने अलग-अलग 7 बैंकों से 1129 करोड़ रुपये का ऋण लिया। इन फर्मों के कर्ताधर्ता पूर्व विधायक और उनके सगे-संबंधी हैं। ज्यादातर बैंक अकाउंट नान परफार्मिंग एसेट (एनपीए) में चले गए। डीआरटी ने एक जुलाई 2019 को पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी सहित 33 सगे-संबंधियों के खिलाफ समन जारी किया। फिर अलग-अलग समय पर मेसर्स गंगोत्री एंटरप्राइजेज लिमिटेड और अन्य प्रतिवादियों से जवाब मांगा। डीआरटी के पास जो मामला पहुंचा था, उसके मुताबिक पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी और अन्य ने सबसे ज्यादा ऋण बैंक ऑफ इंडिया से लिया। इसी मामले में कार्रवाई चल रही है।
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Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 23 February 2024 at 10:25 IST