अपडेटेड 29 November 2023 at 21:01 IST
Sai Baba: पहली बार रखने जा रहे हैं साईं बाबा का व्रत? इन नियमों का रखें खास ध्यान, तभी होंगे बाबा प्रसन्न
Sai Baba की पूजा बहुत ही सादगी के साथ किया जाता है, लेकिन अगर आप उनको खुश करना चाहते हैं, तो व्रत के कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी होता है।
- भारत
- 2 min read

Sai Baba Vrat Niyam Kya Hai: शिरडी वाले साईं बाबा की महिमा जैसे-जैसे लोगों तक पहुंच रही है वैसे-वैसे उनके भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। मान्यता है अगर बाबा को सच्चें दिल से पुकारा जाए तो वह अपने भक्त की पुकार जरूर सुनते हैं। ऐसे में अगर आप बाबा की शरण में जा रहे हैं और पहली बार उनका व्रत कर रहे हैं, तो कुछ नियमों का पालन जरूर करें। तभी Sai Baba अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि डालते हैं। आइए जानते हैं वह कौन से नियम हैं जिनका साई बाबा के व्रत में पालन करना चाहिए।
स्टोरी में आगे ये पढ़ें...
- कब से शुरू कर सकते हैं साईं बाबा का व्रत?
- साईं बाबा की पूजा विधि क्या है?
- साईं बाबा के व्रत में किन नियमों का पालन करना चाहिए?
कब से शुरू कर सकते हैं साईं बाबा का व्रत?
साईं बाबा का व्रत (Sai Baba Vrat) किसी भी गुरुवार से आप शुरू कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे बाबा का व्रत सच्ची श्रृद्धा के साथ करें। तभी इस व्रत का फल मिलता है।
साईं बाबा की पूजा विधि क्या है?
- Sai Baba की पूजा बहुत ही साधारण तरीके से की जाती है।
- इसके लिए किसी भी गुरुवार के दिन सुबह उठकर नहा-धोकर पीले कपड़े पहनें और साईं बाबा के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
- इसे बाद पूजा स्थान पर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं। उस पर साईं बाबा की तस्वीर स्थापित करें।
- फिर बाबा को रोली, चावल और पीले फूल चढ़ाएं। घी का दीपक लगाकर साईं बाबा के व्रत की कथा पढ़ें।
- साईं नाथ को पीलें रंग की मिठाई जैसे बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। खिचड़ी का भोग साईं बाबा को अति प्रिय है।
- आखिरी में आरती करें और प्रसाद सभी लोगों में बांट दें।
- इस दिन दान का विशेष महत्व है। अन्न, वस्त्र का गरीबों को दान कर सकते हैं।
Advertisement
साईं बाबा के व्रत में किन नियम
- साईं बाबा का व्रत भूखे पेट नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि इस व्रत को फलाहारी और एक समय का भोजन करके रखा जाता है।
- साईं बाबा का व्रत किसी भी जाति-धर्म के लोग कर सकते हैं। इसके अलावा साईं बाबा का व्रत महिला और पुरुष दोनों रख सकते हैं।
- साईं की पूजा और व्रत का पालन सच्चे मन के साथ करना चाहिए। मन में भ्रम हो या किसी के कहने भर से व्रत या पूजा ना करें।
- साईं का व्रत कम से कम 5, 7, 9, 11 या 21 गुरुवार जरूर करना चाहिए।
- अगर आप व्रत के दौरान किसी यात्रा पर हों या घर से बाहर हों तो उस दिन का व्रत छोड़ दें और अगले गुरुवार को व्रत दोबारा से प्रारंभ कर दें।
- मन्नत पूरी होने पर गुरुवार को व्रत का समापन करें और इसका विधिवत उद्यापन करना चाहिए।
यह भी पढ़ें... Margashirsha Upay: मृत्यु के बाद चाहते हैं बैकुंठ लोक? मार्गशीर्ष में करें कृष्ण से जुड़े ये उपाय
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Advertisement
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 29 November 2023 at 21:01 IST