अपडेटेड 4 October 2023 at 15:02 IST

Guruwar Vrat: पहली बार करने जा रहे हैं गुरुवार का व्रत? जानिए तिथि और पूजा की विधि

हिंदू धर्म में गुरुवार व्रत का बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इसे करने से कई सारी परेशानियों का समाधान हो जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं इसे कब से शुरू करें और विधि क्या है?

Follow : Google News Icon  
Kab Se Shuru Kare Guruwar Ka Vrat


image- khushboo panday facebook
Kab Se Shuru Kare Guruwar Ka Vrat image- khushboo panday facebook | Image: self

Kab Se Shuru Kare Guruwar Ka Vrat: गुरु ग्रह के स्वामी माने जाने वाले भगवान विष्णु को बृहस्पतिवार का दिन समर्पित है। इस दिन इनकी विधिवत पूजा अर्चना और व्रत करने का विधान है। कहते हैं अगर कोई व्यक्ति गुरुवार को व्रत रखता है और विष्णु जी की विधिवत पूजा करता है, तो उसके जीवन की कई सारी परेशानियां खत्म हो जाती है, लेकिन इसके पहले जान लें कि बृहस्पतिवार का व्रत कब से शुरू करना चाहिए और पूजा विधि क्या है?

स्टोरी में आगे ये पढ़ें...

  • क्यों किया जाता है बृहस्पतिवार का व्रत?
  • कब से शुरू कर सकते हैं गुरुवार का व्रत?
  • गुरुवार व्रत की पूजा विधि क्या है?

क्यों किया जाता है बृहस्पतिवार का व्रत?

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से आध्यात्मिक उन्नति के साथ धन समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा गुरुवार का व्रत करने से बृहस्पति ग्रह भी मजबूत होता है जिससे जीवन में खुशहाली आती है और तरक्की के रास्ते खुलने लगते हैं। इसलिए बृहस्पति वार का व्रत किया जाता है। 

कब से शुरू कर सकते हैं गुरुवार का व्रत?

अगर आप पहली बार गुरुवार का व्रत करने जा रही हैं, तो सबसे पहले यह जान लें कि इसे किस दिन और तिथि से शुरू करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुरुवार व्रत की शुरुआत पौष मास को छोड़कर किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले बृहस्पतिवार के दिन से कर सकते हैं।  

Advertisement

गुरुवार व्रत विधि

  • गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करके पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें।
  • भगवान विष्णु का ध्यान रखते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • भगवान बृहस्पति देव की विधि-विधान से पूजा करें।
  • भगवान को पीले फूल, पीले चंदन के साथ पीले रंग का भोग लगाएं। आप चाहे तो भोग में चने की दाल और गुड़ ले सकते हैं।
  • इसके बाद धूप, दीप आदि जलाकर बृहस्पति देव के व्रत कथा का पाठ कर लें।
  • इसके बाद विधिवत तरीके से आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
  • केले की जड़ में जल अर्पण करने के साथ भोग आदि लगाएं।
  • फिर दिनभर फलाहार व्रत रखें और शाम को पीले रंग का भोजन ग्रहण कर लें।


यह भी पढ़ें... Guruwar Ke Upay: विवाह में हो रही है देरी, किस्मत नहीं दे रही साथ, गुरुवार को करें ये उपाय

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Advertisement

यह भी पढ़ें... Pitru Paksha: पितृ पक्ष में दीपक जलाते समय ना करें ये गलतियां, रखें इन बातों का ख्याल

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 4 October 2023 at 14:50 IST