अपडेटेड 11 September 2023 at 18:49 IST

Hanuman Ji: हनुमान जी को क्यों चढ़ाई जाती है तुलसी? जानें इससे जुड़ी रोचक कथा

हनुमान जी को कई तरह की चीजों का भोग लगाया जाता है, और इसमें सबसे प्रमुख है तुलसी, तो आइए जानते हैं कि क्यों हनुमान जी को भोग में तुलसी के पत्ते चढ़ाए जाते है। 

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Hanuman Ji Ko Kyu Chadhai Jati Hai Tulsi
Hanuman Ji Ko Kyu Chadhai Jati Hai Tulsi | Image: self

Hanuman Ji Ko Kyu Chadhai Jati Hai Tulsi: हनुमान जी को कलयुग का सबसे शक्तिशाली देवता माना गया है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि बजरंगबली एक मात्र ऐसे देव हैं, जो कलयुग में साक्षात हैं। ऐसे में इनकी पूजा का विशेष विधान है। अंजनी पुत्र को मंगलवार का दिन समर्पित किया गया है। इस दिन उनकी विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें तरह की चीजें चढ़ाई जाती है, जिसमें सबसे अहम तुलसी का पत्ता माना जाता है। दरअसल, हनुमान जी को तुलसी का पत्ता चढ़ाने के पीछे एक बहुत ही रोचन कहानी है।

स्टोरी में आगे ये पढ़ें....

  • हनुमान जी को भोग में क्या चढ़ाना चाहिए?
  • हनुमान जी को कौन-सा फूल चढ़ाना चाहिए?
  • हनुमान जी को तुलसी की पत्ती क्यों चढ़ाई जाती है?

हनुमान जी को भोग में क्या चढ़ाना चाहिए?

बजरंगबली को वैसे तो कई सारी चीजें भोग में चढ़ाई जाती हैं, लेकिन उन्हें कुछ चीजें बेहद प्रिय हैं जिनको उनके भोग में जरूर शामिल करना चाहिए। मान्यता है कि हनुमान जी को बूंदी के लड्डू, बूंदी और बेसन के लड्डू बहुत प्रिय हैं। ऐसे में उनके भोग में इन चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए।

हनुमान जी को कौन-सा फूल चढ़ाना चाहिए?

मान्यता है कि बजरंगबली को लाल या पीले रंग का फूल ही अर्पित करना चाहिए। इसके लिए गुड़हल, गेंदा, गुलाब या फिर कमल के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

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हनुमान जी को तुलसी की पत्ती क्यों चढ़ाई जाती है?

हनुमान जी को वैसे तो कई सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन इनमें सबसे खास तुलसी का पत्ता होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजरंगबली की तुलसी दल चढ़ाने के पीछे एक बहुत ही रोचक कहानी भी है। तो चलिए आपको बताते हैं आखिर हनुमान जी को तुलसी का पत्ता क्यों चढ़ाया जाता है। 

श्रीरामायण में कथा के मुताबिक जब भगवान राम का वनवास पूरा हुआ और सभी अयोध्या लौटे तब पवनपुत्र अपनी माता सीता द्वारा परोसे गए भोजन को खा रहे थे, लेकिन पवनपुत्र का पेट भरने का नाम ही नहीं ले रहा था। यहां तक की भंडार गृह खाली होने की नौबत आ गई। तब माता सीता ने उन्हें तुलसी की पत्ती खाने को दी। जिसे खाने के बाद वो तृप्त हो गए और उनकी भूख  शांत हो गई तब से हनुमान जी को तुलसी अर्पित की जाती हैं। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है। 

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Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 11 September 2023 at 18:48 IST