अपडेटेड 31 December 2023 at 17:04 IST

Modi से नफरत करने वाले सत्यानाशी... Congress नेता आचार्य प्रमोद ने Ram Mandir को लेकर कही ये बात

राम मंदिर पर विपक्षियों की सियासत को लेकर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा कि नरेंद्र मोदी के फैसलों का विरोध करो लेकिन उनसे नफरत लोकतंत्र नहीं।

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 Acharya Pramod Krishnam
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम | Image: ANI

Ayodhya: अयोध्या नगरी में 22 जनवरी को जो महाउत्सव होने वाला है, उसका इंतजार सभी श्री राम भक्तों को है। भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई है। एक तरफ इस ऐतिहासिक लम्हें का हर कोई साक्षी बनना चाहता है। वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस ऐतिहासिक लम्हें को भी सियासी रंगों में रंगने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष की सियासत पर उन्हीं के गुट के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने करारा जवाब दिया है।

खबर में आगे पढ़ें:

  • राम मंदिर पर सियासत करने वालों को कांग्रेस नेता का जवाब
  • प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता बना विपक्षियों के गले की फांस!
  • विपक्ष की सियासत को प्रमोद कृष्णम ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण

सनातन के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करना और इसे खत्म करने की बात करना, विपक्षी नेताओं के लिए एक ट्रेंड सा बन गया है। कभी इसी राम मंदिर के निर्माण को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर थी। जब मंदिर का निर्माण हो गया और अब प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है तो न्यौते को बवाल खड़े करने की कोशिश की गई। हालांकि, राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से देश के प्रमुख विपक्षी और राष्ट्रीय दलों के प्रमुखों को न्यौता दिया गया, लेकिन अब यही न्यौता उनके लिए गले की फांस बनता नजर आ रहा है। विपक्ष के इन सियासी दांव पेंच पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जवाब दिया।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "राम मंदिर के नाम पर फायदा उठाने की कोशिश के सवाल पर आचार्य प्रमोद ने कहा कि ये बड़ा दुर्भाग्य है। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए। आप नरेंद्र मोदी के फैसलों का विरोध करो लेकिन उनसे नफरत करना लोकतंत्र की निशानी नहीं है। कुछ लोग मोदी विरोध में अपना सत्यानाश कर रहे हैं, ये तो सत्यानाशी हैं। ये नकारात्मक ऊर्जा है। लोकतंत्र में नकारात्मकता की जगह नहीं, आलोचना की गुंजाइश है। एक स्वस्थ आलोचना होनी चाहिए।"

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'राम मंदिर का उद्घाटन भारत का उत्सव'

पहले विपक्ष न्यौता ना मिलने को मुद्दा बना रहा था और अब न्यौता मिलने के बाद ना जाने का फैसला सुना रहा है। इसे लेकर कांग्रेस नेता ने कहा, "जो राम का विरोध करे वो नास्तिक हैं। ऐसे लोगों को राजनीति में ही रहने लायक नहीं है। राम का विरोध करें और भारत में राजनीति करें तो जनता को बुरा लगता है। राम के मंदिर का उद्घाटन भारत का उत्सव है। इसका विरोध ठीक नहीं है। ये हमारी संस्कृति नहीं है। दुश्मन के घर में भी अगर खुशी है तो हम खुशी मनाते हैं ये भारत की संस्कृति है। जिन्हें न्योता मिला है ये उनका परम सौभाग्य है। और जो नहीं जाएंगे उनका दुर्भाग्य है।"

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Published By : Arpit Mishra

पब्लिश्ड 31 December 2023 at 17:00 IST