Updated February 27th, 2021 at 17:45 IST
जम्मू में हुई G-23 नेताओँ की 'महारैली'; 'कांग्रेस को मजबूत' करने की बात पर दिया जोर
विद्रोही G23 में शामिल नेताओं की पहले सोनिया गांधी से मुलाकात हुई और फिर कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद के चुनाव पर बनी...
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कांग्रेस में तलवारें फिर मयान से बाहर निकल गई हैं। गुलाम नबी आजाद की अगुवाई में जम्मू में G-23 के कुछ नेताओं की हुई बैठक हो रही है। कांग्रेस के भीतर चुनाव करवाने की मांग पर कायम है। दरअसल राज्यसभा से रिटायर हुए गुलाम नबी आज़ाद के नेतृत्व में इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है।
विद्रोही G23 में शामिल नेताओं की पहले सोनिया गांधी से मुलाकात हुई और फिर कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद के चुनाव पर बनी सहमति के बावजूद G23 नेताओं ने मयान से तलवारें एक बार फिर से निकाल ली है। जम्मू में आज गुलाम नबी आजाद रैली को संबोधित किया और यह घोषणा करते हुए कहा कि 'कांग्रेस कमजोर हो गई थी'। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बुलावा नहीं भेजा गया है।
आजाद ने जम्मू-कश्मीर की सियासत में हुए कथित नुकसान के बारे में बात करते हुए कहा कि, "बीते 5 से 6 साल में, इन सभी दोस्तों ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर संसद में मुझसे कम नहीं बात की, चाहे वो राज्य की बेरोजगारी हो, या राज्य का अधिकार छीनना, बंद होते उद्योग और शिक्षा, जीएसटी का कार्यान्वयन। चाहे वह जम्मू या कश्मीर हो या लद्दाख, हम सभी धर्मों, लोगों और जातियों का सम्मान करते हैं। हम सभी का समान रूप से सम्मान करते हैं, यही हमारी ताकत है और हम इसी के साथ आगे बढ़ेंगे।"
बता दें, जम्मू में कुछ नेताओं के साथ बैठक में गुलाम नबी आजाद ने साफ किया कि वो कांग्रेस पार्टी के भीतर चुनाव करवाने की अपनी मांग पर कायम है। उनकी ये मांग पार्टी हित में है और चुनाव करवाने से कांग्रेस की दशा-दिशा में सुधार होगा। आजाद ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को भी सिरे से खारिज कर दिया। गुलाम नबी आजाद ने ये भी साफ किया कि वो सक्रिय राजनीति से अभी दूर नहीं होने वाले हैं...ऐसे में ये सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर इस बैठक का मकसद क्या है?
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Published February 27th, 2021 at 17:32 IST