Updated March 13th, 2024 at 19:30 IST
BR Ambedkar Death Anniversary: संविधान निर्माता डॉ अंबेडकर की 65वीं पुण्यतिथि आज, राजनेता
BR Ambedkar Death Anniversary: संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. BhimRao Ambedkar) का आज महापरिनिर्वाण दिवस (Death Anniversary) है।
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BR Ambedkar Death Anniversary: संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. BhimRao Ambedkar) का आज महापरिनिर्वाण दिवस (Death Anniversary) है। वह लोकतांत्रिक भारत के सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक हैं जो एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को तत्कालीन मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) के महु नगर छावनी में हुआ था। बेहद गरीब परिवार में जन्मे अंबेडकर ने संविधान के पहले मसौदे को तैयार करने में अहम योगदान दिया था।
उन्होंने अछूतों के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ और निचली जातियों के उत्थान के लिए काफी संघर्ष किया था। उन्हें अपने काम के लिए मरणोपरांत 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। उनका 6 दिसंबर, 1956 को निधन हो गया था जिसे परिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज इस दिन पर देश उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है जिसमें कई राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हैं।
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डॉ. भीमराव अंबेडकर को राजनीतिक हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू के जरिए लिखा- संविधान निर्माता, भारत रत्न, श्रद्धेय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के महापरिनिर्वाण दिवस पर उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं।
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उनके अलावा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जैसे राजनेताओं ने भी कू के जरिए डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद किया है।
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बता दें कि डॉ. अंबेडकर देश के पहले कानून मंत्री थे। वह अपने अनुयायियों से कहा करते थे कि मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है कि मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें। आज उनकी 65वीं पुण्यतिथि पर आइए उनके कुछ सबसे प्रेरक संदेशों पर एक नजर डालते हैं-
किसी भी कौम का विकास उस कौम की महिलाओं के विकास से मापा जाता है
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जो व्यक्ति अपनी मौत को हमेशा याद रखता है वह सदा अच्छे कार्य में लगा रहता है
मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाई-चारा सिखाए
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मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्छा है, मेरे बताए हुए रास्ते पर चलें
रात-रातभर मैं इसलिए जागता हूं क्योंकि मेरा समाज सो रहा है
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जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह कौम कभी भी इतिहास नहीं बना सकती
अपने भाग्य के बजाय अपनी मजबूती पर विश्वास करो
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मैं राजनीति में सुख भोगने नहीं बल्कि अपने सभी दबे-कुचले भाइयों को उनके अधिकार दिलाने आया हूं
मनुवाद को जड़ से खत्म करना मेरे जीवन का प्रथम लक्ष्य है
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जो धर्म जन्म से एक को श्रेष्ठ और दूसरे को नीच बनाए रखे, वह धर्म नहीं, गुलाम बनाए रखने का षड़यंत्र है
राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उसमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाए
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मैं तो जीवन भर कार्य कर चुका हूं, अब इसके लिए नौजवान आगे आएं
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Published December 6th, 2021 at 12:52 IST