Updated April 29th, 2020 at 23:22 IST
पुलिस, नेता के सामने संतों की हत्या हुई, उन्हें चुपचाप खड़े रहने का आदेश किसने दिया? जाने इस मुद्दे पर अर्नब की राय
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पालघर पर वो खुलासा करने जा रहा है, जो दो साधुओं की हत्या पूरी सच्चाई बताएगा।
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रिपब्लिक भारत के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने देश वासियों के सामने प्रण किया है कि जब तक पालघर का एक-एक सच दुनिया के सामने नहीं आएगा तब तक हम चुप नहीं बैठेंगे। इसीलिए आज रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क पालघर पर वो खुलासा करने जा रहा है, जो दो साधुओं की हत्या पूरी सच्चाई बताएगा। रिपब्लिक भारत की टीम पालघर के उस गांव तक पहुंची, जहां संतों की हत्या हुई थी। जब हम लोग सच्चाई तलाश रहे थे, तब महाराष्ट्र सरकार सच पर परदा डाल रही थी। हम हत्या के चश्मदीदों को तलाश रहे थे और महाराष्ट्र सरकार घटना से जुड़े कासा पुलिस स्टेशन के 35 पुलिसवालों का ट्रांसफर कर रही थी। लेकिन हम चश्मदीदों तक पहुंचे और वो उनसे सच जाना। जिसे पूरी महाराष्ट्र सरकार छिपा रही थी। सच चौकाने वाला है। आपको बता दें कि जब साधुओं की हत्या होती रही और पुलिस वाले वीडियो बना रहे थे और वहां खड़े NCP नेता तमाशा देख रहे थे। साथ ही सच ये भी है कि 2 संतों की हत्या के लिए 2 से 3 हजार की भीड़ तैयार की गई थी, सच ये कि संतों की हत्या की पूरी तैयारी थी। इसलिए पूरी रोड को ब्लॉक किया गया था।
अर्नब की राय
जो मैंने कहा वो सच साबित हुआ। मैने कहा था कि संतों की हत्या एक साजिश है, वो सच साबित हुआ। मैंने कहा था कि पुलिस वालों को चुप रहने का आदेश था वो सच साबित हुआ। मैने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार के नेता संतों पर कुछ छिपा रहे हैं वो सच साबित हुआ। क्य़ा कांग्रेस फिर मुझ पर हमला और FIR कराएगी। पालघर में फॉरेस्ट गार्ड ने पुलिस को बताया कि भीड़ ने साधुओं को पकड़ लिया है। पुलिस दो घंटे बाद वहां आई कहा लॉकडाउन है। क्या लॉकडाउन में पुलिस की गाड़ियों पर रोक है? क्या लॉकडाउन में बहुत ट्रैफिक जाम लगा है?
अगर साजिश नहीं थी तो पूरे रास्ते में पत्थर कहां से आए? वहां 2000 की भीड़ कहां से आई? पालघर अगर साजिश नहीं थी तो संतों की जानकारी किसने दी। मैं पूछता हूं जो साजिश हमें पता है वो महाराष्ट्र को कैसे पता नहीं चली?
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Published April 29th, 2020 at 23:22 IST