अपडेटेड 14 April 2023 at 08:09 IST
Ambedkar Jayanti 2023 : डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के ये 10 अनमोल विचार जो बदल देंगे आपकी जिंदगी
Babasaheb Ambedkar के विचारों ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया और उनके विचारों का अनुसरण करने से कई युवाओं का जीवन बदल गया। आइए जानते हैं उनके 10 विचार जो आपको जीवन में प्रेरणा देंगे।
- भारत
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Babasaheb Ambedkar Jayanti: आज देश भर में अम्बेडकर जयंती मनाई जा रही है। बाबासाहेब अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। उनका मूल नाम भीमराव था। अंबेडकर के पिता रामजी वलाड मालोजी सकपाल महू में मेजर सूबेदार थे। अंबेडकर का परिवार मराठी था और मूल रूप से महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के अंबेडकर गांव का रहने वाला था। माता का नाम भीमाबाई सकपाल है।
बाबासाहेब को प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन इन सभी परिस्थितियों के बावजूद बाबासाहेब अंबेडकर ने न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त की बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री भी बने। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के लिए कुर्बान कर दिया था। डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर समाज में दलितों के समानता के लिए संघर्ष किया। अंबेडकर के विचारों ने लाखों युवाओं को प्रेरित किया और उनके विचारों का अनुसरण करने से कई युवाओं का जीवन बदल गया। बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती के मौके पर आइए जानते हैं उनके 10 विचार जो आपको जीवन की हर मुश्किल घड़ी में प्रेरणा देंगे।
बाबासाहेब अम्बेडकर के 10 अनमोल विचार (thoughts of Babasaheb Ambedkar)
1. मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व सिखाता है।
2. मैं किसी समाज की प्रगति को उसकी महिलाओं की प्रगति से मापता हूं।
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3. इतिहास को भूलने वाले इतिहास नहीं बना सकते।
4. शिक्षित, संगठित और प्रेरित हों।
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5. धर्म मनुष्य के लिए है और मनुष्य धर्म के लिए नहीं है।
6. जैसे मनुष्य नश्वर है, वैसे ही विचार भी हैं। एक विचार को प्रचार की आवश्यकता होती है, जैसे एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है, अन्यथा यह सूख जाता है और मर जाता है।
7. एक महान व्यक्ति एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से इस बात में भिन्न होता है कि वह समाज का सेवक बनने के लिए तैयार रहता है।
8. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक नियामक सिद्धांत के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।
9. बुद्धि का विकास मानव अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
10. समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक नियामक सिद्धांत के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए।
Published By : Priya Gandhi
पब्लिश्ड 14 April 2023 at 08:09 IST