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Published 18:46 IST, October 6th 2024

YEIDA के नाम पर 8 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले गैंग का भंडाफोड़, लोकेशन ट्रैक कर 2 को धर दबोचा

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Nidhi Mudgill
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YEIDA के नाम पर 8 करोड़ की ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़
YEIDA के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ | Image: Republic

जतिन शर्मा की रिपोर्ट

Yamuna Expressway Industrial Development Authority Fraud: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने दो आरोपियों, जगवीर सिंह और सतेंद्र को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी एलॉटमेंट लैटर के जरिए 7 से 8 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।

जगवीर सिंह ने यमुना एक्सप्रेसवे के इंडस्ट्रियल प्लॉट्स को सस्ते दामों पर देने का झांसा दिया और फर्जी बैंक अकाउंट के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये ठगे। सतेंद्र जो कोसी कला में कस्टमर सर्विस शॉप चलाता था, फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। पुलिस ने इनके पास से फर्जी एलॉटमेंट लैटर और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।

लोकेशन पता चलने के बाद आरोपियों को धर दबोचा

पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि जगवीर ने उनसे 3.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की। जांच के दौरान पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और मनी ट्रेल की मदद से आरोपियों की लोकेशन का पता लगाया और उन्हें धर दबोचा। मामले में अभी भी पूछताछ जारी है।

देते थे फर्जी अलॉटमेंट लेटर

सस्ते दामों पर अथॉरिटी का इंडस्ट्रियल अकाउंट लेने के लालच में लोग इसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करते और ये इस एक अकाउंट से पैसा दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करके विड्रॉल कर लिया करता था। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के नाम से ये फर्जी अलॉटमेंट लेटर अपने साथी सतेंद्र के जरिए तैयार करवाता था।

धोखाधड़ी का शिकार हुए सचिन शाह, नीलेश शाह और रमनदीप रहेजा नाम के लोगो ने क्राइम ब्रांच में शिकायत कि उनको जगवीर नाम के एक शख्स ने यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रीयल प्लॉट सस्ते दामो पर देने के नाम पर चीट किया है।

लोगों के करवाते थे करोड़ों रुपए ट्रांसफर

पीड़ितों ने जगवीर के बताए हुए एकाउंट में 3 करोड़ 70 लाख 20 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे जो एकाउंट जगवीर ने यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपर्स के नाम से खोला था। ये एकाउंट वर्षा नाम की लड़की का पाया गया जिसमें ईमेल आईडी और फोन नंबर जगवीर सिंह के थे।

जो अलॉटमेंट लेटर और पेपर्स शिकायतकर्ताओं ने क्राइम ब्रांच को यमुना अथॉरिटी के नाम से दिए वो जांच में फर्जी पाए गए, वो ओरिजिनल एलौटीज के नाम से जो प्लॉट्स होते थे उन्ही प्लॉट्स की डिटेल फर्जी अलॉटमेंट लेटर में लिखी जाती थी।

इसके बाद क्राइम ब्रांच ने बैंक अकाउंट होल्डर की डिटेल्स खंगाली और मनी ट्रेल की जांच की। टेक्निकल सर्विलेंस से आरोपी की लोकेशन को क्राइम ब्रांच की स्पेशलाइज्ड टीम ने लोकेट किया और हफ्ते भर की मेहनत के बाद पता लगा आरोपी कोसी कला में मौजूद है।

टेक्निकल सर्विलेंस से आरोपी की लोकेशन पता चली

जगवीर की लोकेशन को कन्फर्म किया गया और लोकल इंटेलिजेन्स से पता लगा प्रॉपर प्लानिंग के बिना दिन में इसको पकड़ने के लिए रेड्स डालना ठीक नही है क्योंकि इसका सोसाइटी पर बहुत प्रभाव है। इसके लिए एक टीम को रात में तैयार किया गया और रेड्स की गई, महिला सब इंस्पेक्टर अनुपमा, कुलदीप और राजेश और बाकि की टीम द्वारका से कोसी कला के गांव के लिए रवाना हुई, टीम दो ग्रुप्स में बट गई।

टेक्निकल सर्विलेंस से आरोपी जगवीर की लोकेशन मेग्सन रिजार्ट में मिली, क्राइम ब्रांच की टीम ने प्लानिंग के साथ मेग्सन रिजॉर्ट जो एक प्राइवेट रेजिडेंशियल सोसाइटी में था इसके अंदर जाकर जगवीर के घर पहुंची और जगवीर को धर दबोचा।

पूछताछ में जगवीर ने बताया सतेंद्र नाम का एक शख्स जो कस्टमर सर्विस शॉप पर काम करता है वो फेक एलौटमेंट लैटर और पेपर्स तैयार करता है, इसके बाद सतेंद्र को गिरफ्तार किया गया। सतेंद्र के पास से लैपटॉप, तैयार फर्जी डॉक्युमेंट्स बरामद किए गए।

7 से 8 करोड़ रुपए की कर चुके हैं ठगी

जगवीर 2020 से प्रोपर्टी डीलर का काम करता था साथ ही दिल्ली एनसीआर, नोएडा ग्रेटर नोएडा ऑथिरिटी में प्लॉट भरवाने का काम करता था साथ ही प्लॉट मालिको के लिए टीन शेड और बाउंड्री वॉल बनवाने का काम करता था, इसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के फर्जी एलॉटमेंट लैटर के जरिए इसने लोगो को ठगने का प्लान बनाया और अब ये क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में है।

सतेंद्र कस्टमर सर्विस केयर कोसी कला में काम करता था और जगवीर के कहने पर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। आरोपी अब तक 7 से 8 करोड़ रुपए की ठगी कर चुके है ये ज्यादातर पैसे बैंक एकाउंट में लेते थे जो यमुना ऑथिरिटी डेवलपर्स के नाम से खोला हुआ था और 75 लाख रुपए कैश लिया करते थे। फिलहाल दोनों से पूछताछ जारी है।

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Updated 18:46 IST, October 6th 2024