अपडेटेड 27 September 2021 at 07:28 IST
सोशल मीडिया का भविष्य: विशेषज्ञों ने प्राइवेसी और रेगुलेशन के बीच संतुलन की जरूरत पर दिया जोर
रिपब्लिक टीवी के 'सोशल मीडिया समिट' के पैनल डिस्कशन के पांचवें भाग में लीडिंग एक्सपर्ट ने इसपर चर्चा की कि अब 'सोशल मीडिया के लिए अगला क्या है'।
- भारत
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आज सोशल मीडिया (social media) का जमाना है, जहां आपकी निजी जिंदगी भी आपकी निजी नहीं रहती। जबतक आपके पोस्ट आपका परिवार या दोस्त देखते हैं तो ये एक वरदान है लेकिन अजनबियों के दायरे में आते ही यह अभिशाप बन जाता है। इसी तरह इंटरनेट की दुनिया में काफी कुछ होता है जिसके कारण ये सवाल खड़ा हो जाता है कि सोशल मीडिया का भविष्य क्या है?
अब रविवार यानी 26 सितंबर 2021 को रिपब्लिक टीवी के 'सोशल मीडिया समिट' (Social Media Summit) के पैनल डिस्कशन के पांचवें भाग में लीडिंग एक्सपर्ट ने इसपर चर्चा की कि अब 'सोशल मीडिया के लिए अगला क्या है'। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एग्जीक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायणस्वामी के साथ, TrelI के CEO और को-फाउंडर पुलकित अग्रवाल, APAC के CEO और Dentsu के चेयरमैन (भारत) आशीष भसीन, वर्स इनोवेशन (जोश एंड डेलीहंट) के को-फाउंडर उमंग बेदी और सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में एडवोकेट डॉ पवन दुग्गल ने इस मुद्दे पर अपनी राय साझा की।
'AI, Ml के संदर्भ में सही कदम उठाने के लिए प्लेटफॉर्म जिम्मेदार': उमंग बेदी
उमंग बेदी (Umang Bedi) ने बताया कि सोशल मीडिया कैसे एक वरदान है जिसमें आपको अपने परिवार और दोस्तों से जुड़ने का मौका मिलता है और आप कभी-कभी अजनबियों को भी इसमें शामिल कर लेते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया चैनलों की एक बड़ी जिम्मेदारी है और इसके लिए दृढ़ विनियमन की जरूरत है। उन्होंने कहा- “हम जोश और डेली हंट के साथ वर्स इनोवेशन में इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं।”
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उमंग बेदी ने वो दो रास्ते निकाले जिन पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को सचमुच विचार करने की जरूरत है। उनके अनुसार, ‘पहला यूजर्स की गोपनीयता और सुरक्षा है और दूसरा यह सुनिश्चित करना है कि यूजर्स इससे बाहर न निकल जाएं’। उन्होंने नए आईटी कानूनों को ‘सकारात्मक शुरुआत’ के रूप में सराहा और कहा कि ‘नियामक प्राधिकरण द्वारा इन प्लेटफार्मों के लिए जिम्मेदारियों को परिभाषित करने का समय आ गया है’।
बेदी ने कहा, “यह पहली बार है कि भारतीय सोशल मीडिया ऐप वैश्विक मीडिया दिग्गजों के साथ एक लेवल पर हैं। अब एआई, एमएल के संदर्भ में सही कदम उठाने के लिए प्लेटफॉर्म पर भार होना चाहिए ताकि खराब एक्टर्स, खराब कंटेंट, फर्जी प्रोफाइल, फर्जी अकाउंट को हटाया जा सके और उल्लंघन करने वाले कंटेंट के छह से सात क्षेत्रों पर अंकुश लगाया जा सके जो पोर्नोग्राफी और सॉफ्ट पोर्न, अभद्र भाषा जैसे क्षेत्रों में हो सकते हैं।”
'निजता और नियमों के बीच संतुलन की जरूरत': पुलकित अग्रवाल
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पुलकित अग्रवाल (Pulkit Agrawal) ने चर्चा के दौरान बताया कि कैसे इंटरनेट लोगों को ऐप लॉन्च करने की अनुमति देता है।
उन्होंने कहा- “प्लेटफॉर्म के लिए यह सोचना अनिवार्य हो जाता है कि कैसे अपने यूजर्स का दिमाग सचमुच सही रखा जाए और साथ ही साथ उन्हें वो आजादी भी दी जाए ताकि वे एक-दूसरे के साथ इस बात की चिंता किए बिना बातचीत कर सकें कि कौन उन्हें ट्रैक कर रहा है। उन्होंने संतुलन की जरूरत पर जोर दिया जिसे नेटवर्क या ऐप्स के निर्माताओं को ध्यान में रखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम डिजिटल समाज के अगले युग में बढ़ें।”
'सेल्फ रेगुलेशन सरकारी रेगुलेशन से बेहतर है': आशीष भसीन
सोशल मीडिया को एक वरदान बताते हुए आशीष भसीन (Ashish Bhasin) ने दावा किया कि कैसे इसने दुनिया को ‘कट्टरपंथी’ बना दिया है। उन्होंने लाखों सोशल मीडिया यूजर्स के डर के बारे में बताया जो है उनका ‘डेटा’। APAC के CEO ने कहा, “सोशल मीडिया दिग्गजों के पास आज इतनी जानकारी है और उनके पास इतना कंट्रोल और पावर है कि उन्हें जिम्मेदारी से इस्तेमाल करना उनकी जिम्मेदारी है।”
आशीष भसीन ने कहा- “मुझे उम्मीद है कि समय के साथ साथ सोशल मीडिया दिग्गज अपने ज्ञान, अपनी जनशक्ति, धन शक्ति और अपनी तकनीकी क्षमताओं का इस्तेमाल करना सीख जाएंगे। केवल वे ही जिम्मेदार होकर और सेल्फ-रेगुलेटरी बनकर इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।”
‘IT नियम 2021 का पालन करने के अलावा और कोई चारा नहीं’: पवन दुग्गल
पवन दुग्गल (Pawan Duggal) ने वर्तमान युग को महान भारतीय उल्टी क्रांति का युग बताया जहां भारतीय इसके कानूनी प्रभाव के बारे में बिना सोचे 'अपनी निजी जिंदगी और पेशे के बारे में हर तरह की जानकारी को सोशल मीडिया पर उल्टी कर रहे हैं’।
पवन दुग्गल के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'हनीमून पीरियड' को इंजॉय कर रहे थे जबतक कि आईटी नियम 2021 गेम-चेंजर के रूप में सामने नहीं आया। उन्होंने आगे बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा उनका विरोध क्यों किया गया और कहा, “सबसे पहले तो उन्होंने इन सोशल मीडिया सेवा प्रदाताओं को इन आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है वर्ना कानूनी दायित्व से उनकी वैधानिक छूट छीन ली जाएगी। दूसरा, आईटी नियमों ने इन लोगों से कहा है कि अगर वे इनका पालन नहीं करते हैं तो आईटी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत विभिन्न अपराधों के लिए मुकदमा चलने और दंडित होने के लिए तैयार रहें।” उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए नियमों का पालन करना जरूरी है।
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 27 September 2021 at 07:23 IST