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Updated April 29th, 2024 at 10:42 IST

श्रीनिवास प्रसाद: 1974 में लड़ा पहला चुनाव, पिछले महीने छोड़ी राजनीति, आज का निधन; PM ने दुख जताया

वी श्रीनिवास प्रसाद ने 18 मार्च को राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। उन्होंने पहली बार 1974 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था।

Reported by: Digital Desk
v srinivas prasad
वी श्रीनिवास प्रसाद | Image:@siddaramaiah/x
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V Srinivas Prasad Passes Away: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वी श्रीनिवास प्रसाद के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उन्हें सामाजिक न्याय का पैरोकार बताया। कर्नाटक के चामराजनगर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री वी श्रीनिवास प्रसाद का सोमवार को निधन हो गया। प्रसाद का बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और आज सुबह तड़के उन्होंने अंतिम श्वांस ली। वह 76 वर्ष के थे। प्रसाद के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटियां हैं। प्रसाद चामराजनगर से छह बार सांसद और मैसूरु जिले के नंजनगुड से दो बार विधायक चुने गए। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे।

वी श्रीनिवास प्रसाद के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं वरिष्ठ नेता और चामराजनगर से सांसद श्री वी. श्रीनिवास प्रसाद के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वह सामाजिक न्याय के पैरोकार थे और उन्होंने अपना जीवन गरीबों, वंचितों और दलितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।’’पीएम मोदी ने प्रसाद के परिजनों और समर्थकों के प्रति शोक-संवेदनाएं प्रकट करते हुए कहा कि वह सामुदायिक सेवा के अनेक कार्यों के लिए बहुत लोकप्रिय थे।

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बीएस येदियुरप्पा ने प्रसाद के निधन पर दुख जताया

भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी प्रसाद के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा, '''मैं उनसे कुछ दिन पहले ही मिला था और मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं। उनकी पहचान एक प्रभावशाली दलित नेता के रूप में थी जिन्होंने राज्य और देश की राजनीति में अपनी पहचान बनाई थी।''

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यह भी पढ़ें: कर्नाटक में पीएम मोदी ने लोगों से क्या वादा किया?

कर्नाटक के CM सिद्धरमैया ने भी दुख व्यक्त किया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उनके निधन पर दुख जताते हुए उन्हें उत्पीड़ित दलितों के लिए एक मजबूत आवाज बताया। उन्होंने कहा, ''अन्याय और असमानता के खिलाफ संघर्ष करने वाले नेता का जाना राज्य में सामाजिक न्याय के राजनीतिक संघर्ष के लिए एक बड़ा झटका है।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ''वह एक प्रगतिशील सोच वाले नेता थे। हमने पुराने मैसूरु क्षेत्र में लंबे समय तक अलग-अलग पार्टियों में काम किया, लेकिन एक-दूसरे के साथ हमारे अच्छे संबंध थे। हाल ही में जब मैं उनसे मिला तो हमारी पुरानी यादें ताजा हो गईं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रसाद हमें इतनी जल्दी छोड़ कर चले जाएंगे।''

श्रीनिवास प्रसाद के बारे में

प्रसाद ने इस साल 18 मार्च को चुनावी राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा की थी। उन्होंने पहली बार 1974 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था। वो 1976 में तत्कालीन जनता पार्टी से जुड़े और 1979 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बीजेपी में शामिल होने से पहले वो जनता दल (सेक्युलर), जनता दल (यूनाइटेड) और समता पार्टी में भी रहे थे।

श्रीनिवास प्रसाद ने 1999 से 2004 तक तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री के रूप में सेवाएं दी थीं। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद प्रसाद 2013 में विधायक चुने गए और सिद्धरमैया सरकार में उन्होंने राजस्व और धार्मिक बंदोबस्ती मंत्री का पद संभाला। प्रसाद ने 2016 में कर्नाटक विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और फिर से बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने 2017 में बीजेपी के टिकट पर नंजनगुड उपचुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। इसके बाद वह 2019 में चामराजनगर से लोकसभा चुनाव में विजयी रहे थे।

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(PTI-भाषा इनपुट)

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Published April 29th, 2024 at 10:42 IST

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