अपडेटेड 1 August 2025 at 16:10 IST

'मोहन भागवत को गिरफ्तार कर भगवा आतंकवाद की कहानी गढ़ो...', मालेगांव ब्लास्ट केस में पूर्व ATS अफसर का खुलासा, कहा- ऊपर से मिले थे आदेश

Malegaon Blast : मालेगांव ब्लास्ट केस पहले से ही विवादास्पद रहा है। अब पूर्व ATS अधिकारी महबूब मुजावर के खुलासे ने जांच प्रक्रिया और निष्पक्षता पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

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Former ATS officer revelation in malegaon bomb blast case order to arrest mohan bhagwat
मालेगांव ब्लास्ट केस में पूर्व ATS अफसर का खुलासा | Image: ANI

Malegaon Blast Case : 2008 में मालेगांव ब्लास्ट केस खूब सुर्खियों में रहा था, और एक बार फिर चर्चा में है। गुरुवार को NIA की स्पेशल अदालत ने सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया। अब इस मामले में पूर्व ATS (एंटी-टेरेरिस्ट स्क्वॉड) अधिकारी महबूब मुजावर के सनसनीखेज खुलासे किए हैं। मुजावर ने दावा किया है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने इस केस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।

पूर्व ATS अफसर महबूब मुजावर ने रिपब्लिक से बात करते हुए दावा किया कि मालेगांव ब्लास्ट के बाद उस समय के जांचकर्ता अधिकारी परमवीर सिंह ने मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। मुजावर को बड़े अधिकारियों ने भगवा आतंक की कहानी बनाने के लिए कहा था। उन्होंने दावा किया है कि 'भगवा आतंक' की कहानी बनाने के लिए ऊपर से आदेश मिले थे।

मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का निर्देश

महबूब मुजावर ने खुलासा किया कि मालेगांव ब्लास्ट केस के प्रमुख जांच अधिकारी परमबीर सिंह ने उन्हें स्पष्ट रूप से मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था। मुजावर के अनुसार, यह आदेश न केवल चौंकाने वाला था, बल्कि इसके पीछे एक विशेष एजेंडा भी था। उन्होंने दावा किया कि ATS को भगवा आतंकवाद की कहानी गढ़ने के लिए दबाव डाला गया था, जो पूरी तरह से झूठी थी।

'भगवा आतंकवाद' का दबाव 

पूर्व ATS अधिकारी मुजावर ने अपने बयान में कहा कि मालेगांव ब्लास्ट केस में भगवा आतंकवाद का नैरेटिव बनाने की कोशिश की गई थी। उनका कहना है कि यह कहानी तथ्यों पर आधारित नहीं थी, बल्कि इसे राजनीतिक और दूसरे कारणों से गढ़ा गया था। इस खुलासे ने जांच की निष्पक्षता और ATS की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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जांच प्रक्रिया और निष्पक्षता पर सवाल

महबूब मुजावर का यह खुलासा मालेगांव ब्लास्ट केस की जांच प्रक्रिया और उस समय की जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाता है। यह दावा कि RSS प्रमुख जैसे प्रभावशाली व्यक्ति को बिना ठोस सबूत के गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था, जांच की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवालिया निशान लगाता है।

संसद में गूंजा था 'भगवा आतंकवाद'

मालेगांव ब्लास्ट केस के बाद पहली बार 'भगवा आतंकवाद' शब्द सुनने को मिला था। जिसने देश की सियासत में भूचाल ला दिया था। कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने संसद में 'भगवा आतंकवाद' का नाम लिया था। लेकिन 17 साल के बाद कोर्ट में आरोप साबित नहीं हुए, साध्वी प्रज्ञा से लेकर कर्नल पुरोहित तक बरी हो गए। अब पूर्व ATS अफसर महबूब मुजावर के खुलासे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 1 August 2025 at 12:31 IST