अपडेटेड 27 May 2025 at 22:02 IST
Padma Awards: लोकगायिक शारदा सिन्हा को बड़ा सम्मान, मरणोपरांत मिला पद्म विभूषण, बेटे ने ग्रहण किया पुरस्कार
बिहार की कोकिला की नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से नवाजा गया। राष्ट्रपति भवन में उनके बेटे ने यह सम्मान ग्रहण किया।
- भारत
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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को देश की अलग-अलग विभूतियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों की देश की जानी-मानी हस्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस दौरान बिहार की कोकिला की नाम से प्रसिद्ध शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से नवाजा गया।
मंगलवार शाम को राष्ट्रपति भवन में आयोजित दूसरे नागरिक अलंकरण समारोह में देश की प्रतिष्ठित हस्तियों को पद्म सम्मान दिया गया। समारोह में कला, साहित्य, समाज सेवा, विज्ञान, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में योगदान देने वाले 17 विभूतियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री अलंकरण प्रदान किए गए। इस अवसर पर भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान
राष्ट्रपति भवन में पुरस्कार वितरण के दौरान भावुक पल तब देखने को मिला जब प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान दिया गया। दिवगंत मां की उपलब्धियों को बेटे अंशुमान सिन्हा ने ग्रहण किया। इस दौरान वो काफी भावुक नजर आए। शारदा सिन्हा को संगीत के क्षेत्र में उनके अभूतपूर्व योगदान और लोकसंगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने के लिए यह गौरव प्राप्त हुआ है।
72 साल की उम्र में दुनिया को कहा था अलविदा
बता दें कि प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन 72 साल की उम्र में 5 नवंबर 2024 को दिल्ली के एम्स में हुआ था। वो मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का ब्लड कैंसर) से जंग लड़ रही थी। लंबे इलाज के बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था। उनके निधन से परिवार को नहीं बल्कि पूरे यूपी-बिहार के लोगों को बड़ा सदमा लगा था। बिहार की शान मानी जाने वाली शारदा सिन्हा ने छठ गीतों से लेकर विवाह गीतों तक लोक जीवन के हर रंग को अपनी सुरीली आवाज में ऐसे पिरोया था कि आज भी उनके गीत लोगों की जुबां पर हैं।
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शारदा सिन्हा के गीतों के बिना छठ अधूरा
शारदा सिन्हा एक भारतीय लोक और शास्त्रीय गायिका थीं, जो बिहार से ताल्लुक रखती थीं। पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा को उनके भोजपुरी, मैथिली और मगही लोकगीतों के लिए जाना जाता रहेगा। बिहार कोकिला के नाम से मशहूर और सुपौल में जन्मीं शारदा सिन्हा छठ पूजा और विवाह जैसे अवसरों पर गाए जाने वाले लोकगीतों के कारण अपने गृह राज्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बेहद मशहूर हैं। शारदा सिन्हा के कुछ लोकप्रिय गीतों में, उग हे सूरज देव, 'छठी मैया आई ना दुआरिया', 'कार्तिक मास इजोरिया', 'द्वार छेकाई', 'पटना से', और 'कोयल बिन' शामिल हैं।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 27 May 2025 at 21:58 IST