अपडेटेड 19 October 2025 at 19:31 IST
स्कूल-कॉलेज, अस्पताल और भी बहुत कुछ... इस शहर में बन रही भारत की पहली AI सिटी; हजारों करोड़ का है निवेश
AI टाउनशिप में सस्टेनेबिलिटी और कार्बन नेगेटिविटी को प्राथमिकता दी जाएगी। AI परिवहन, अपशिष्ट प्रबंधन, वर्षा जल भंडारण और जल पुन: उपयोग में सहायता करेगा, साथ ही ए़डवांस सर्विलेंस सिस्टम के जरिए सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। दीर्घकालिक शहरी नियोजन को भी AI तकनीक द्वारा निर्देशित किया जाएगा।
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क्या आपने कभी सोचा है कि एक शहर पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित हो सकता है? केरल इस कल्पना को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। राज्य के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने हाल ही में इंफोपार्क फेज 3 की महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में बताया है। जिसे पूरी तरह से AI-पावर्ड टाउनशिप के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है।
मंत्री राजीव ने बताया, "इंफोपार्क फेज 3 की कल्पना एक AI शहर के रूप में की गई है। यहां सभी मूलभूत सेवाएं AI के जरिए मिलेंगी। AI की मदद से चलने वाला स्मार्ट बुनियादी ढांचा इस टाउनशिप की पहचान होगा।" यह परियोजना एडवांस AI सिस्टम पर निर्भर करेगा, जिनमें "सिटी ब्रेन", डिजिटल ट्विन तकनीक, और इंटेलिजेंट यूनिफाइड मोबिलिटी शामिल हैं।
'सिटी ब्रेन' टाउनशिप का सेंट्रल सिस्टम
'सिटी ब्रेन'इस टाउनशिप की केंद्रीय प्रणाली की तरह काम करेगा। यह सेंसरों और कैमरों से डेटा जमा करेगा, AI की सहायता से उसका विश्लेषण करेगा, और सभी काम होंगे। इंफोपार्क फेज 3 लगातार सीखने और अनुकूलन की क्षमता रखेगा, जिससे समय के साथ सेवाओं में सुधार होता रहेगा।
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यह देश का अपनी तरह का पहला AI-नियंत्रित तकनीक शहर होगा, जिसका उद्देश्य एक वैश्विक-मानक प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित करना है, जो दूसरों के लिए एक नया मानक तय करेगा। पारंपरिक आईटी पार्क विकास के विपरीत, यह एकीकृत AI टाउनशिप IT सुविधाओं को रहने और व्यावसायिक स्थानों के साथ जोड़ेगी, जिसमें AI क्षमताओं का उपयोग हर जगह किया जाएगा।
क्या कुछ होगा?
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आईटी इमारतों के अलावा, इस टाउनशिप में घर, शैक्षिक संस्थान, अस्पताल, एक एम्फीथिएटर, और बहु-स्तरीय पार्किंग सुविधाएं भी होंगी। सभी ऑपरेशन एक केंद्रीय डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से चलेंगे, जो समस्याओं का कुशलतापूर्वक पूर्वानुमान और समाधान करने के लिए रियल टाइम डेटा का इस्तेमाल करेंगे।
AI टाउनशिप में सस्टेनेबिलिटी और कार्बन नेगेटिविटी को प्राथमिकता दी जाएगी। AI परिवहन, अपशिष्ट प्रबंधन, वर्षा जल भंडारण और जल पुन: उपयोग में सहायता करेगा, साथ ही ए़डवांस सर्विलेंस सिस्टम के जरिए सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। दीर्घकालिक शहरी नियोजन को भी AI तकनीक द्वारा निर्देशित किया जाएगा।
इस परियोजना का लक्ष्य केरल में अंतर्राष्ट्रीय तकनीक कंपनियों को आकर्षित करना है। उम्मीद की जा रही है कि प्रमुख फर्मों के वैश्विक क्षमता केंद्र (GCCs) इस टाउनशिप में अपने ऑफिस बनाएंगे। परियोजना में अनुमानित 25,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष और 6 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने का अनुमान है।
Published By : Subodh Gargya
पब्लिश्ड 19 October 2025 at 19:28 IST