sb.scorecardresearch

Published 21:01 IST, October 4th 2024

जर्नलिस्ट के खिलाफ महज इसलिए FIR नहीं किया जाना चाहिए कि उनके लेख आलोचनात्मक हैं: SC

SC ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ केवल इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है।

Follow: Google News Icon
  • share
Supreme Court Upholds 'Bail is Rule, Jail is Exception' Principle, Grants Bail to Man Accused Under
Supreme Court | Image: PTI

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पत्रकारों के खिलाफ केवल इसलिए आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए क्योंकि उनके लेखन को सरकार की आलोचना के रूप में देखा जाता है।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है और संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत पत्रकारों के अधिकार संरक्षित हैं।

पीठ पत्रकार अभिषेक उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में ‘‘सामान्य प्रशासन में जाति विशेष की भागीदारी’’ संबंधी एक कथित रिपोर्ट को लेकर अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है।

पीठ ने कहा, ‘‘केवल इसलिए कि किसी पत्रकार के लेखन को सरकार की आलोचना माना जाता है, पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला नहीं दर्ज किया जाना चाहिए।’’

इस याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगते हुए पीठ ने कहा, ‘‘इस बीच, संबंधित रिपोर्ट के संबंध में याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाना चाहिए।’’

मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।

Updated 21:01 IST, October 4th 2024