अपडेटेड 21 February 2024 at 12:30 IST

ट्रैक्‍टर-ट्राली और पोकलेन मशीन लेकर शंभू बॉर्डर पहुंचे किसान, हरियाणा DGP को आशंका-हालात होंगे खराब

सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी तस्वीरें साझा की जा रही हैं जिसमें पुलिस की सात परत वाली बैरिकेडिंग को तोड़ने का खतरनाक जुगाड़ कर रखा है। पुलिस भी अलर्ट है।

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पोकलेन मशीन और जेसीबी संग बॉर्डर पर पहुंचे आंदोलनकारी किसान | Image: grab

Farmers Protest:  खबरें सामने आईं कुछ वायरल वीडियो और तस्वीरों के साथ कि आंदोलनकारी दिल्ली मार्च के दौरान पुलिस बैरिकेडिंग हटाने के लिए भारी पोकलेन और जेसीबी मशीनें लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। 

आंदोलनकारी किसान आज सुबह 11 बजे दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। इससे पहले सुबह 6 बजे से ही ट्रैक्टरों को कतारबद्ध कर दिया गया है। शंभू संग खनौरी बॉर्डर से भी किसान वाया हरियाणा दिल्ली कूच करेंगे।

खतरनाक तैयारियों के साथ प्रदर्शनकारी किसान

आंदोलन कर रहे किसानों को रोकने के लिए इंतजाम पुख्ता हैं। हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स अलर्ट है। शंभू बॉर्डर पर सीमेंट के गार्डर, कंटीली तारें बिछाकर 7 लेयर बैरिकेडिंग की गई है। पुलिस ने 8 दिन तक इन्हीं तरीकों से किसानों को रोके रखा। अब प्रदर्शन कर रहे किसान  इससे मुकाबला करने के लिए JCB और हाईड्रोलिक क्रेन जैसी हैवी मशीनरी लेकर पहुंच गए हैं। उनके पास बुलेटप्रूफ पोकलेन मशीन भी लाई गई है। दावा किया जा रहा है कि डिजाइन ऐसा किया गया है कि इन पर आंसू गैस के गोलों का भी असर नहीं होगा। बताया जा रहा है कि किसान दिल्ली में एंट्री,सीमेंट के खंभे और अन्य भारी बाधाओं से पार पाने के लिए मशीनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। मंगलवार को पोकलेन मशीन के कई वीडियो भी सामने आए थे।

मांग पर अड़े, सरकार का प्रस्ताव नहीं आया रास

किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला केंद्र से चार मीटिंग हुई। केंद्र ने कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द यानी 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव रखा। आंदोलरत किसानों ने 2 दिन का वक्त मांगा और फिर प्रस्ताव खारिज कर दिया। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमने एक्सपर्ट और किसानों से केंद्र के प्रस्ताव पर बात की। इसके बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे कि प्रस्ताव हमारे हित में नहीं है। हमारी MSP पर गारंटी कानून की मांग पूरी हो।

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दिल्ली चलो मार्च के लिए खतरनाक तैयारी

वहीं, किसान नेता सरवण पंधेर की मांग है कि केंद्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। जिसमें MSP पर खरीद की गारंटी का कानून लाया जाए। इस बीच, किसान आंदोलन के मद्देनजर हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी का फैसला 21 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है।

प्रशासन अलर्ट, चर्चा में डीजीपी का खत

किसानों के कूच को लेकर दिल्ली पुलिस भी अलर्ट पर है। दिल्ली के हरियाणा से लगे सिंघु, टिकरी बॉर्डर और उत्तर प्रदेश से सटे गाजीपुर बॉर्डर को सील किया गया है। दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है। भीड़ जुटने और ट्रैक्टर्स की एंट्री पर पूरी तरह से बैन है। पोकलेन और जेसीबी को लेकर आ रही खबरों के मद्देनजर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने मंगलवार को पंजाब के डीजीपी को पत्र लिखकर शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर भारी पोकलेन मशीनों को रोकने के लिए कहा। डीजीपी ने पंजाब में अपने समकक्ष को लिखे अनुरोध पत्र में कहा है कि पोकलेन और जेसीबी मशीनों जैसी भारी मशीनों के इस्तेमाल से सीमा पर कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है। इसके अलावा यह भी उल्लेख किया गया है कि मशीनें कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए साइट पर तैनात पुलिस कर्मियों के जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।

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मीडिया कर्मियों के लिए फिक्र की जाहिर

डीजीपी ने आगे ये भी कहा है कि ऐसे भारी उपकरणों के मालिक और संचालक कानूनी कार्रवाई के लिए आपराधिक रूप से उत्तरदायी होंगे। हरियाणा के डीजीपी ने कथित तौर पर पंजाब के डीजीपी से अपील की है कि वे आंदोलन को कवर करने वाले मीडिया कर्मियों को भी सीमावर्ती क्षेत्रों से लगभग 1 किमी दूर प्रतिबंधित करें ताकि उनकी सुरक्षा से समझौता न किया जा सके।

ड्यूटी पर तैनात कर्मियों के लिए खतरनाक

डीजीपी ने अपने पत्र में कहा, "यह विश्वसनीय रूप से पता चला है कि पोकलेन, जेसीबी और अन्य सहित भारी पृथ्वी हिलाने वाले उपकरण जिन्हें आगे संशोधित/कवच-प्लेटेड किया गया है, उन्हें प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा अधिग्रहित किया गया है और उन सीमावर्ती स्थानों पर तैनात किया गया है जहां प्रदर्शनकारी हैं अभी डेरा डाले हुए हैं। इन मशीनों का इस्तेमाल प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड्स को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाना है, जिससे ड्यूटी पर तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है और हरियाणा राज्य में सुरक्षा परिदृश्य से समझौता होने की संभावना है।

आगे लिखा है- “उआपसे अनुरोध है कि सीमा पर विरोध स्थलों से इन मशीनों को तुरंत जब्त करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं और सभी निवारक कदम उठाएं ताकि सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने वाली प्रोक्लेन और जेसीबी मशीनों और अन्य भारी मशीनरी को रोका जा सके। उन्हें विरोध स्थलों तक पहुंचने की अनुमति नहीं है।

डीजीपी ने कहा, "इसके अलावा, ऐसे उपकरणों के मालिकों और ऑपरेटरों को सख्त चेतावनी दी जा सकती है कि वे प्रदर्शनकारी किसानों को अपने उपकरणों की सेवाएं प्रदान न करें क्योंकि यह एक आपराधिक कृत्य होगा और वे इसके लिए आपराधिक रूप से उत्तरदायी होंगे।" पत्र में यह भी लिखा गया है कि आंदोलन मार्च को कवर कर रहे पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मीडियाकर्मियों और उनके वाहनों को सीमा से 1 किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाना चाहिए। हाल ही में शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन को कवर करते समय एक पत्रकार घायल हो गया था।
 

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 21 February 2024 at 07:32 IST