अपडेटेड 31 January 2024 at 23:35 IST
बजट से पहले किसान संगठन ने सरकार को याद दिलाया वादा, MSP को लेकर रखी ये डिमांड
Budget 2024: संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को ‘‘सी2+50 प्रतिशत’’ फॉर्मूले के आधार पर फसलों का MSP देने का अपना वादा पूरा करने की मांग की है।
- भारत
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Budget 2024: गुरुवार (1 फरवरी) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना पिटारा खोलेंगी। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले देश का अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। इस बजट में कई बड़े ऐलान संभव हैं। वहीं, बजट में किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
बजट पेश होने से एक दिन पहले बुधवार (31 जनवरी) को संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को ‘‘सी2+50 प्रतिशत’’ फॉर्मूले के आधार पर फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देने का अपना वादा पूरा करने की मांग की है। इस फॉर्मूले में उत्पादन की व्यापक लागत को ध्यान में रखा जाता है।
किसान संगठनों की मांग
किसान संगठनों के प्रमुख निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने एक बयान में पीएम किसान सम्मान निधि को ‘धोखा’ बताते हुए कहा कि इसका मतलब किसानों को MSP के उनके उचित अधिकार से ‘इनकार’ करना है। बयान के मुताबिक, योजना के तहत 6,000 रुपये दिए जाने के बावजूद एमएसपी गणना फॉर्मूला नहीं बदले जाने से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो किसान आगामी लोकसभा चुनाव में ‘‘भाजपा को वोट नहीं देने’’ की घोषणा करेंगे।
MSK ने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए धान का मौजूदा एमएसपी 2,183 रुपये प्रति क्विंटल है, जो ए2+एफएल फॉर्मूले पर आधारित है। इस फॉर्मूले में किसान द्वारा वहन की गई लागत और परिवार के श्रम का मूल्य शामिल है।
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किसान आयोग की सिफारिश
हालांकि एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता वाले किसान आयोग की वर्ष 2006 की सिफारिश के अनुसार, सी-2 का अर्थ व्यापक लागत है। इस फॉर्मूले के हिसाब से वर्ष 2023-24 के लिए धान का एमएसपी 2,866.5 रुपये प्रति क्विंटल होगा। बयान के मुताबिक, ‘‘इस राशि की तुलना में ए-2+एफएल कीमत 683.5 रुपये प्रति क्विंटल कम है।’’
एसकेएम ने कहा, ‘‘अगर केंद्र सरकार धान की औसत उत्पादकता 25 क्विंटल प्रति एकड़ और खरीद के साथ मंडी प्रणाली के अस्तित्व को ध्यान में रखते हुए सी2+50 प्रतिशत पर एमएसपी लागू करती है तो पंजाब के किसान को 17,075 रुपये प्रति एकड़ का फायदा होगा।’’
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दिल्ली की सीमाओं पर वर्ष 2020-21 के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले एसकेएम ने कहा, ‘‘अगर मोदी सरकार लेखानुदान में सभी फसलों की खरीद के साथ सी2+50 प्रतिशत पर एमएसपी घोषित करने के लिए तैयार नहीं है, तो किसान आम चुनावों में बीजेपी को वोट नहीं देने की घोषणा करेंगे।’’
एसकेएम ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2014 के अपने चुनावी घोषणा पत्र में निर्वाचित होने पर ‘सी-2+50 प्रतिशत’ फॉर्मूले के आधार पर एमएसपी प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
(इनपुट- पीटीआई)
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 31 January 2024 at 23:35 IST