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Published 22:57 IST, August 26th 2024

फरक्का बैराज विवाद: बांग्लादेश के आरोप पर भारत की प्रतिक्रिया, कहा- अफवाह पर ध्यान देने की जगह...

Farakka Barrage Conflict: फरक्का बैराज को लेकर बांग्लादेश के आरोपों पर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

Reported by: Digital Desk
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल | Image: PTI

Farakka Barrage Conflict: फरक्का बैराज को लेकर बांग्लादेश के आरोपों पर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी करते हुए कहा है कि हमने गलतफहमियां पैदा करने के लिए फर्जी वीडियो, अफवाहें और डर फैलाते देखा है। इसका तथ्यों के साथ दृढ़ता से मुकाबला किया जाना चाहिए।

आपको बता दें कि बांग्लादेश ने भारत पर सहयोग ना करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत ने फरक्का बैराज के सारे गेट खोल दिए हैं, जिससे 11 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है।

विदेश मंत्रालय का बयान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा- 'हमने फरक्का बैराज के गेट खुलने की मीडिया रिपोर्टें देखी हैं, जिससे नदी के प्राकृतिक प्रवाह में 11 लाख क्यूसेक से अधिक पानी गंगा/पद्मा नदी में प्रवाहित हो सकेगा। यह एक सामान्य मौसमी विकास है जो गंगा नदी बेसिन के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण प्रवाह में वृद्धि के कारण होता है।'

उन्होंने आगे कहा कि यह समझा जाना चाहिए कि फरक्का केवल एक बैराज है, कोई बांध नहीं है, जब भी पानी का स्तर तालाब के स्तर तक पहुंचता है, तो जो भी प्रवाह आता है, वह गुजर जाता है। यह महज 40,000 क्यूसेक पानी को फरक्का नहर में मोड़ने की एक संरचना है, जिसे सावधानीपूर्वक मुख्य गंगा/पद्म नदी में गेटों की संख्या के एक प्रणाली का उपयोग करके किया जाता है, जबकि शेष पानी मुख्य नदी में बांग्लादेश की ओर बहता है। प्रोटोकॉल के अनुसार, इसका डाटा बांग्लादेश में संबंधित संयुक्त नदी आयोग के अधिकारियों के साथ नियमित और समय पर साझा किया जाता है। इस बार भी ऐसा किया गया है। हमने गलतफहमियां पैदा करने के लिए अफवाहों और भय फैलाने वाले फर्जी वीडियो देखे हैं, इसका तथ्यों के साथ दृढ़ता से मुकाबला किया जाना चाहिए।

क्या है मामला?

असल में, बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों में बाढ़ से हुई भारी तबाही के मद्देनजर, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद नाहिद इस्लाम ने नई दिल्ली पर असहयोग का आरोप लगाया और त्रिपुरा बांध के स्लुइस गेट को बिना किसी पूर्व सूचना के खोलने के लिए दोषी ठहराया।"

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Updated 22:57 IST, August 26th 2024