अपडेटेड 27 July 2023 at 21:46 IST
सेना पूर्व चीफ के Twitter पर हुए एक लाख फॉलोअर, किया कुछ ऐसा कि आप भी करेंगे सैल्यूट
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (रिटा.) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 1 लाख फॉलोवर होने पर आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड में एक लाख रुपए दान किए।
- भारत
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सेना के पूर्व चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे अपनी रिटायरमेंट के बाद से सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय है। जनरल नरवणे अपने लाइफ से लेकर कई मुद्दों पर ट्विटर पर अपने एक्सपीरिएंस शेयर करते रहते हैं। हाल ही में जनरल नरवणे के सोशल मीडिया पर एक लाख से अधिक फॉलोअर पूरे हुए। इसके बाद पूर्व सेना प्रमुख ने कुछ ऐसा किया, जिसे पढ़ आप भी उन्हें सैल्यूट करेंगे।
खबर में आगे पढ़ें...
- जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (रिटा.) के ट्विटर पर हुए एक लाख फॉलोअर
- पूर्व सेना प्रमुख ने आर्मी वेलफेयर फंड में दिया एक लाख रुपए का चेक
- आर्मी सर्किल में जनरल नरवणे को कहा जाता है 'सर्वोत्कृष्ट सेना पुरुष'
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर पर एक लाख फॉलोवर पूरे हुए। इसे लेकर जनरल नरवणे ने ट्वीट कर देशवासियों को धन्यवाद किया। जनरल नरवणे ने कहा कि एक लाख का मील का पत्थर तक पहुंचने के लिए मेरे सभी ट्विटर मित्रों को धन्यवाद। उन्होंने आगे ऐलान किया कि आप सभी की ओर से सम्मान स्वरूप आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड में 1 लाख रुपए दान करने का फैसला लिया है।
एक लाख फॉलोअर पर जनरल नरवणे ने सेना के वेलफेयर फंड में दिए एक लाख
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक लाख फॉलोअर होने पर आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड में एक लाख रुपए दान किए। पूर्व आर्मी चीफ ने सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल सी बंसी पोनप्पा को एक लाख रुपए का चेक दिया। पूर्व आर्मी चीफ ने ये चेक कारगिल विजय दिवस के मौके पर आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड के लिए दिया। इस दौरान जनरल नरवणे ने ट्वीट कर लिखा आइए हम सभी अपने बहादुर सैनिकों की वीरता पर सोचने के लिए कुछ समय निकालें, जिन्होंने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। जय हिन्द!
आर्मी सर्किल में 'सर्वोत्कृष्ट सेना पुरुष' के नाम से मशहूर हैं जनरल नरवणे
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (रिटा.) को आर्मी सर्किल में 'सर्वोत्कृष्ट सेना पुरुष' के नाम से जाना जाता है। जनरल नरवणे थल सेना के 28वें प्रमुख बने थे। वह साल 2019 से 2022 तक सेना प्रमुख रहे थे। जनरल नरवणे 7 सिख लाइट इंफ्रेंट्री में कमीशन हुए थे।
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जनरल नरवणे ने जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट में शांति, क्षेत्र और अत्यधिक सक्रिय उग्रवाद विरोधी माहौल में कई कमांड और स्टाफ नियुक्तियों में काम किया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की बटालियन और ईस्टर्न मोर्चे पर एक इंफैंट्री ब्रिगेड की भी कमान संभाली। सेना के वाइस-चीफ नियुक्त होने से पहले, नरवणे सेना की महत्वपूर्ण ईस्टर्न कमान के प्रमुख थे, जो चीन के साथ भारत की लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी सीमाओं पर तैनात रहती है।
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अधिकारी द्वीप में गृहयुद्ध के दौरान श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स (IPKF) का हिस्सा थे। उन्होंने तीन साल तक म्यांमार में भारतीय दूतावास में भारत के डिफेंस अताशे के रूप में कार्य किया।
Published By : Nripendra Singh
पब्लिश्ड 27 July 2023 at 21:45 IST

