अपडेटेड 27 November 2024 at 10:09 IST
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें: बांग्लादेश में हिंदू नेता की गिरफ्तारी भारत
India speaks on Bangladesh: भारत ने बांग्लादेश में हिंदू नेता की गिरफ्तारी पर कहा 'अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।'
- भारत
- 3 min read

India speaks on Bangladesh: भारत ने बांग्लादेश में हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किए जाने और उन्हें जमानत नहीं दिए जाने पर मंगलवार को ‘‘गहरी चिंता’’ जतायी और बांग्लादेशी प्राधिकारियों से हिंदुओं एवं सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
बांग्लादेश पुलिस ने हिंदू समूह ‘सम्मिलित सनातनी जोत’ के नेता दास को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा क्षेत्र से सोमवार को गिरफ्तार किया था। बांग्लादेश की एक अदालत ने मंगलवार को दास की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन्हें जमानत नहीं मिलने का गहरी चिंता के साथ संज्ञान लिया है। दास ‘बांग्लादेश सम्मिलित सनातन जागरण जोत’ के प्रवक्ता भी है।
उसने कहा, ‘‘यह घटना बांग्लादेश में चरमपंथी तत्वों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर कई हमले किए जाने के बाद हुई है।’’
Advertisement
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़ और देवी-देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के ‘‘कई मामले’’ हुए हैं जो ‘‘दस्तावेजों में दर्ज’’ हैं।
बयान में कहा गया, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, लेकिन शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांगें उठाने वाले एक धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं।’’
Advertisement
विदेश मंत्रालय ने दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी चिंता जतायी।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम बांग्लादेश के प्राधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करते हैं। हम शांतिपूर्ण ढंग से एकत्र होने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील करते हैं।’’
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में कहा कि यह 'निराधार' है और दोनों देशों के बीच मित्रता की भावना के विपरीत है।
इसमें कहा गया है, 'ऐसे निराधार बयान न केवल तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं, बल्कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच मित्रता और समझ की भावना के भी विपरीत हैं।'
इसमें कहा गया है कि भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान बांग्लादेश में सभी धर्मों के सदस्यों के बीच मौजूद सद्भाव को प्रतिबिंबित नहीं करता है।
ढाका ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान “इस बात की पूरी तरह से अवहेलना करता है कि बांग्लादेश सरकार देश के लोगों के खिलाफ गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन के अपराधियों को दंड से मुक्ति की संस्कृति को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।”
बयान के मुताबिक, “बांग्लादेश दृढ़तापूर्वक इस बात की पुष्टि करता है कि प्रत्येक बांग्लादेशी को, चाहे उसकी धार्मिक पहचान कुछ भी हो, बिना किसी बाधा के अपने-अपने धार्मिक अनुष्ठानों और प्रथाओं को स्थापित करने, बनाए रखने या पालन करने या विचार व्यक्त करने का अधिकार है।”
इसमें कहा गया है, “ सभी नागरिकों, खासकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बांग्लादेश सरकार का कर्तव्य है।”
बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश देश में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 27 November 2024 at 10:09 IST