अपडेटेड 17 February 2024 at 11:20 IST
कोबरा काटा तो मौत फिक्स! फिर Rave Party में जहर के लिए क्यों बेचैन लोग?Elvish Yadav केस में खुलासा
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर एल्विश यादव (Youtuber Elvish Yadav) बुरे फंसते नजर आ रहे हैं।
- भारत
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Elvish Yadav Case: सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर एल्विश यादव (Youtuber Elvish Yadav) बुरे फंसते नजर आ रहे हैं। रेव पार्टियों में कोबरा का जहर सप्लाई करने के मामले में अब नया खुलासा हुआ है। जांच के लिए जयपुर FSL भेजे गए सैंपल में कोबरा और करैत प्रजाति के सांपों का जहर पाया गया है। साफ शब्दों में कहें तो जिस रेव पार्टी में एल्विश का नाम आया था उसमें सांपों के जहर को नशे के तौर पर प्रयोग किए जाने की पुष्टि हुई है।
नोएडा सेक्टर 49 थाने में इस मामले में FIR भी दर्ज है। इन सबसे हटकर आपको मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि जिस सांप का काटा पानी तक नहीं मांगता, उसके जहर में लोग सुरूर कैसे ढूंढ रहे हैं? सवाल यह भी उठ रहा है कि रेव पार्टियों में नशे के लिए सांपों के जहर का इस्तेमाल युवा कैसे करते हैं?
सांप, इंसानी होंठ और डंक से नशे का सुरूर
इंडियन जर्नल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फार्माकोलॉजी के अध्ययन में यह सामने आया कि स्पाइनी-टेल्ड छिपकलियों के जले हुए शवों, जहरीले शहद, स्पेनिश मक्खियों और कैंथराइड्स का इस्तेमाल रेव पार्टियों में डोपिंग के मकसद के लिए भी किया जाता है। जर्नल में यह भी बताया गया कि ज्यादातर लोग लंबे समय तक नशे में रहने के लिए रेव पार्टी में सांप के जहर का नशा करते हैं। सांप के जहर का नशा करने के लिए लोग आमतौर पर सांप को अपने होंठ के पास रखकर खुद को कटवाते हैं। इसके अलावा इसका नशा करने के लिए लोग खुद को होंठ, जीभ या कान के लोब पर भी सांप से डसवाते हैं।
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सांप को भी दिया जाता है इंजेक्शन
रेव पार्टियों में कोबरा का जहर ड्रग्स के नशे से भी उपर पहुंच चुका है। लोग अब सुरूर के चरम तक पहुंचने के लिए स्नेक बाइट से नशा ले रहे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि जिस कोबरा के कोबरा के काटने के बाद इंसान की मिनटों में मौत हो जाए उसके जहर से लोग सुरूर में जाने लगे हैं, ऐसा कैसे? तो बता दें कि बाइट के लिए जिस सांप का इस्तेमाल होना होता है उन्हें पहले से इजेंक्शन लगाया जाता है ताकि जहर के असर को कम किया जा सके। इंजेक्शन लगाने के बाद कोबरा का जहर हल्का हो जाता है और जानलेवा नहीं रहता। हालांकि डोज अधिक होने पर जान जा सकती है।
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कई दिनों में रहता है हल्का-हल्का सुरूर
स्नेक बाइट के बाद चार से पांच दिनों तक इंसान के शरीर में इसका असर रहता है। तुरंत तो इंसान का दिमाग सुन्न हो जाता है लेकिन कुछ घंटे बाद से लेकर चार या पांच दिनों तक शरीर हल्के सुरूर में रहता है। यही वजह है कि रेव पार्टियों में चोरी-छिपे इसका इस्तेमाल किया जाता है।
इन सांपों का होता है इस्तेमाल
रेव पार्टियों में स्नेक बाइट के लिए सांपों की कुछ खास प्रजातियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें नाजा-नाजा (कोबरा), ऑफियोड्रायस वर्नेलिस (ग्रीन स्नेक) और बंगेकरस केरिलियुस (क्रॉमन क्रैत) शामिल हैं।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 17 February 2024 at 09:23 IST