पब्लिश्ड 12:58 IST, May 14th 2024
एल्गार परिषद मामला: उच्चतम न्यायालय ने गौतम नवलखा को जमानत दी
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवाद संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एल्गार परिषद-माओवाद संबंध मामले में कार्यकर्ता गौतम नवलखा को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस.वी.एन. भट्टी ने मामले में नवलखा की जमानत पर लगी बंबई उच्च न्यायालय की रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया।
न्यायालय ने नवलखा को नजरबंदी के दौरान सुरक्षा के लिए खर्च के तौर पर 20 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश भी दिया।
पीठ ने कहा, “हम रोक नहीं बढ़ाना चाहते क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश में जमानत देने के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है। सुनवाई पूरी होने में कई वर्ष लग जाएंगे। विवादों पर विस्तार से गौर किए बिना, हम रोक की अवधि नहीं बढ़ाएंगे। प्रतिवादी पक्ष यथाशीघ्र 20 लाख रुपये का भुगतान करे।”
शीर्ष अदालत ने कहा कि नवलखा चार साल से अधिक समय से जेल में हैं और मामले में अब तक आरोप तय नहीं किये गये हैं।
बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को नवलखा को जमानत दे दी थी, लेकिन इसके बाद एनआईए ने शीर्ष अदालत में अपील दायर करने के लिए समय मांगा, जिसके चलते उच्च न्यायालय ने अपने आदेश पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी।
उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए नवलखा को पिछले साल नवंबर में घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी। वह फिलहाल नवी मुंबई में रह रहे हैं।
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए जाने से संबंधित है। पुलिस का दावा है कि इसके अगले दिन कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी।
मामले में 16 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और उनमें से पांच फिलहाल जमानत पर हैं।
अपडेटेड 12:58 IST, May 14th 2024