अपडेटेड 18 February 2025 at 12:09 IST

गठबंधन में तनाव के बीच एकनाथ शिंदे ने चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना की

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) प्रकोष्ठ के अस्तित्व के बावजूद ‘मंत्रालय’ में एक चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना की और कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ ‘किसी बात को लेकर तकरार’ नहीं है।

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Shiv Sena Chief Eknath Shinde
एकनाथ शिंदे | Image: Facebook

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) प्रकोष्ठ के अस्तित्व के बावजूद ‘मंत्रालय’ में एक चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना की और कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ ‘किसी बात को लेकर तकरार’ नहीं है। राज्य में अपनी तरह का यह संभवत: पहला मामला है और यह ऐसे वक्त में हुआ है जब देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार में महायुति सहयोगियों के बीच प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति सहित विभिन्न मुद्दों पर खींचतान मची हुई है।

शिंदे ने कहा, “इस प्रकोष्ठ की स्थापना नागरिकों की सहायता करने के हमारे सामूहिक प्रयासों में एक कदम आगे है। यह मुख्यमंत्री के ‘वॉर रूम’ से जुड़ेगा और इसका उद्देश्य सेवा को और बेहतर करना है, न कि प्रतिस्पर्धी प्रणाली बनाना।”उन्होंने कहा, “हमारे बीच किसी बात को लेकर तकरार नहीं है। हम विकास का विरोध करने वालों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट हैं। जब मैं मुख्यमंत्री था (31 अक्टूबर 2023 को) तब उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने इसी तरह के एक प्रकोष्ठ की स्थापना की थी। मैंने बस इसे पुनर्गठित किया है और मेरे लोग इसके संचालन की देखरेख करेंगे।”

शिंदे के करीबी सहयोगी मंगेश चिवटे नए चिकित्सा प्रकोष्ठ का नेतृत्व करेंगे। चिवटे के अनुसार, नवगठित प्रकोष्ठ धनराशि वितरित नहीं करेगा, बल्कि राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समन्वय करेगा। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “जब शिंदे मुख्यमंत्री थे, तब मैं मुख्यमंत्री राहत कोष का इस्तेमाल करके यही काम कर रहा था और हमने कई लोगों की मदद की थी। अब भी मैं यही काम करूंगा, बस फर्क इतना है कि यह प्रकोष्ठ कोष वितरित नहीं करेगा, बल्कि जरूरतमंद मरीजों को हर तरह की सहायता प्रदान करेगा।”

यह प्रकोष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग करेगा, लेकिन प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करेगा। इसके बजाय, इसका उद्देश्य महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन को बढ़ाना है। चिवटे ने कहा, “यह प्रकोष्ठ लोगों को सीएमआरएफ के साथ-साथ धर्मार्थ अस्पताल योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से राहत प्राप्त करने के बारे में मार्गदर्शन करेगा।'

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उन्होंने कहा कि जरूरतमंद मरीजों के लिए वित्तीय सहायता विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से समन्वित की जाएगी। चिवेट ने कहा कि उपमुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 18 February 2025 at 12:09 IST