अपडेटेड 6 September 2024 at 19:50 IST

ED ने खोज निकाला संदीप घोष का आलीशान फार्म हाउस, अब ED की रडार पर संदीप घोष की अकूत संपत्ति

RG Kar Medical College: ED की रडार पर अब संदीप घोष की अकूत संपत्ति है। संदीप घोष का ये फॉर्म हाउस दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में है।

Follow : Google News Icon  

Kolkata Rape Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब आरजी कर मेडिकल कॉलेज करप्शन मामले में ED को संदीप घोष के एक आलीशान फॉर्म हाउस के बारे में पता चला है। इस लग्जरी फार्म हाउस की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है। ED ने अपने साथ संदीप घोष के करीबी प्रसुन चटर्जी को लेकर यहां रेड मारी है।

ED की रडार पर अब संदीप घोष की अकूत संपत्ति है। संदीप घोष का ये फॉर्म हाउस दक्षिण 24 परगना जिले के कैनिंग में है। इसमें घुमने फिरने के लिए एक बड़ा गार्डन और ऐशो आराम की सब सुख सुविधाएं हैं। बंगले का नाम ‘संगीत संदीप विला’ है। इसमें एक भव्य बंगला कई बीघे जमीन के बीचो बीच बना है। फिलहाल ED के अधिकारी बंगले पर छापेमारी कर जानकारी जुटाने में लगे हैं। 

संदीप घोष की याचिका खारिज

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से भी संदीप घोष को बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, कलकत्ता होई कोर्ट ने घोष की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान संस्थान में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली एक अन्य याचिका के मामले में खुद को पक्षकार बनाए जाने का अनुरोध किया था।

'आपको कोई अधिकार नहीं...'

CJI डी.वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि एक आरोपी के तौर पर संदीप घोष इस याचिका में पक्षकार बनाए जाने के पात्र नहीं हैं। कोर्ट ने कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित SIT से CBI को ट्रांसफर करने का 23 अगस्त को आदेश दिया था। पीठ ने कहा, 'जिस वक्त घटना हुई आप कॉलेज के प्रिंसिपल थे। एक आरोपी के रूप में आपको जनहित याचिका में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, जहां कलकत्ता हाई कोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है।'

Advertisement

23 अगस्त को हाई कोर्ट का आदेश अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली की याचिका पर आया था, जिन्होंने घोष के कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कथित वित्तीय कदाचार की प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने याचिका में पक्षकार के रूप में शामिल किए जाने के घोष के अनुरोध को खारिज कर दिया था और कहा था कि वह इस मामले में आवश्यक पक्षकार नहीं हैं।

ये भी पढ़ें: कोलकाता के RG कर अस्पताल से बड़ी खबर, डॉक्टरों की हड़ताल के कारण 3 घंटे पड़ा रहा मरीज, मौत

Advertisement

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 6 September 2024 at 19:32 IST