अपडेटेड 22 July 2024 at 10:28 IST
Economic Survey: क्या है आर्थिक सर्वे, कब हुई शुरुआत और कौन थे पहली बार पेश करने वाले वित्त मंत्री?
Economic Survey: आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का एक वार्षिक दस्तावेज है। सरकार आमतौर पर बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले अपना आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है।
- भारत
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Economic Survey 2024: केंद्रीय बजट और आर्थिक सर्वेक्षण भले दोनों को देखने का नजरिया अलग हो, विषय बिंदु अलग हो, लेकिन एक दूसरे से उनका संबंध जुड़ा है। बरस 1964 तक केंद्रीय बजट और आर्थिक सर्वेक्षण एक साथ पेश किए जाते थे। खैर, बदलते समय में दोनों को पेश करने का वक्त बदल गया, जो आज तक बरकरार है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट आने में महज एक दिन बचा है। आज उसके एक दिन पहले आर्थिक सर्वेक्षण संसद के जरिए देश के सामने रख दिया जाएगा।
22 जुलाई मतलब आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो रही है। 23 जुलाई को देश का बजट पेश किया जाएगा। इसके एक दिन पहले यानि आज देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 पेश करेंगी। संसद की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू होगी और उसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से आर्थिक सर्वेक्षण को सामने रखा जाएगा।
क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण?
आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय का एक वार्षिक दस्तावेज है। सरकार आमतौर पर बजट पेश किए जाने से एक दिन पहले अपना आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। आर्थिक सर्वेक्षण देश में आर्थिक रुझानों को सामने लाता है। ये पिछले साल में अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के साथ इसके लिए अल्पकालिक से मध्यम अवधि की संभावनाओं को दर्शाता है। ये संसाधनों के जुटाव, केंद्रीय बजट में उनके आवंटन का बेहतर आकलन करने में मदद करता है। आर्थिक सर्वेक्षण कृषि और औद्योगिक उत्पादन, बुनियादी ढांचे, रोजगार, मुद्रा आपूर्ति, कीमतों, आयात, निर्यात, विदेशी मुद्रा भंडार और अन्य प्रासंगिक आर्थिक कारकों के रुझानों का विश्लेषण करता है, जिनका बजट पर असर पड़ता है। आर्थिक सर्वेक्षण के 3 पार्ट होते हैं।
पार्ट-1: इसमें अर्थव्यवस्था से जुड़ी अहम बातें शामिल होती हैं।
पार्ट-2: इसमें अलग-अलग सेक्टर का प्रदर्शन और उससे जुड़े आंकड़े होते हैं।
पार्ट-3: इसमें रोजगार, महंगाई, आयात-निर्यात, बेरोजगारी और उत्पादन जैसे क्षेत्रों से जुड़ी अहम जानकारियां होती हैं।
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आर्थिक सर्वेक्षण को तैयार कौन करता है?
आर्थिक सर्वेक्षण भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) और वित्त मंत्रालय के भीतर उनकी टीम तैयार करती है। आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के आर्थिक प्रभाग की ओर से सीईए के नेतृत्व में तैयार किया जाता है।
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आर्थिक सर्वेक्षण का इतिहास
बताया जाता है कि पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में अस्तित्व में आया था, जब ये बजट दस्तावेजों का हिस्सा हुआ करता था। 1960 के दशक में इसे बजट दस्तावेजों से अलग कर दिया गया था और केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किया गया था। डॉक्टर जॉन मथाई आजाद भारत के तीसरे वित्त मंत्री थे, जिनका कार्यकाल बहुत छोड़ा था। वो 1950 1951 के बीच वित्त मंत्री रहे। इसी दौरान आर्थिक सर्वे की परंपरा शुरू हुई थी। बाद में 1951 में सीडी देशमुख वित्त मंत्री बने थे। 1964 में टीटी कृष्णमाचारी देश के वित्त मंत्री थे, जब आर्थिक सर्वेक्षण को केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश करने की शुरुआत हुई।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 22 July 2024 at 10:28 IST