अपडेटेड 29 February 2024 at 12:51 IST
Wheat Procurement: 2024-25 सत्र के लिए 3-3.2 करोड़ टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय, सरकार ने दी जानकारी
Wheat Procurement Target: सरकार ने 2024-25 के सत्र के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य 3-3.2 करोड़ टन तय किया है।
Wheat Procurement Target: सरकार ने 2024-25 रबी विपणन सत्र के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य तीन से 3.2 करोड़ टन तय किया है। खाद्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सरकार के गेहूं खरीद के लक्ष्य को कुछ कम माना जा रहा है। कृषि मंत्रालय को फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 11.4-11.5 करोड़ टन के रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की उम्मीद है। इसके बावजूद सरकार द्वारा खरीद का लक्ष्य कम रखा गया है। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा की अध्यक्षता में में राज्यों के खाद्य सचिवों की बैठक हुई थी। इसी बैठक में विचार-विमर्श के बाद गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया गया है।
मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘विचार-विमर्श के बाद आगामी रबी विपणन सत्र 2024-25 के दौरान गेहूं की खरीद का अनुमान तीन से 3.2 करोड़ टन का तय किया गया है।’’ गेहूं के अलावा, मंत्रालय ने चावल के मामले में रबी धान खरीद का लक्ष्य 90 लाख से एक करोड़ टन तय किया है। सरकार ने रबी मोटे अनाज/बाजरा (श्रीअन्न) के लिए 6,00,000 टन का खरीद लक्ष्य भी निर्धारित किया है। बैठक में केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से फसलों के विविधीकरण और आहार में पोषण बढ़ाने के लिए बाजरा की खरीद पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
सरकार ने 2023-24 के सत्र में 3.41 करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले लगभग 2.62 करोड़ टन गेहूं की खरीद की थी। 2022-23 में गेहूं की खरीद 4.44 करोड़ टन के लक्ष्य के मुकाबले केवल 1.88 करोड़ टन थी। उत्पादन में गिरावट के कारण खरीद कम रही थी। खाद्य सचिव ने हाल में कहा था कि पंजाब-हरियाणा सीमा पर किसानों के आंदोलन से खरीद परिचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आमतौर पर गेहूं की खरीद अप्रैल से मार्च तक की जाती है। हालांकि, इस साल केंद्र ने बाजार में फसल की आवक के हिसाब से राज्यों को गेहूं खरीद की अनुमति दी है। ज्यादातर राज्यों में गेहूं की आवक मार्च के पहले पखवाड़े में शुरू हो जाती है। उत्तर प्रदेश और कुछ गेहूं उत्पादक राज्यों ने संकेत दिया है कि वे एक मार्च खरीद शुरू करेंगे। सरकार सार्वजनिक वितरण को केंद्रीय पूल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं और धान की खरीद करती है। इनका वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत किया जाता है।
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प्रत्येक विपणन सत्र की शुरुआत में केंद्र सरकार राज्यों और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के साथ विचार-विमर्श के बाद खरीद लक्ष्य तय करती है।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 29 February 2024 at 12:44 IST