अपडेटेड 19 August 2024 at 21:26 IST
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक MSME क्लस्टर के अनुकूल उत्पाद लेकर आएंः सीतारमण
Delhi News: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को जमीनी स्तर पर कृषि ऋण वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का भी निर्देश दिया।
- भारत
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New Delhi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकिंग पहुंच बढ़ाने के लिए सोमवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) से एमएसएमई क्लस्टर के साथ सामंजस्य रखने वाले उपयुक्त उत्पाद तैयार करने को कहा।
सीतारमण ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के चेयरमैन और उनके प्रायोजित बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ एक समीक्षा बैठक में यह बात कही।
वित्त मंत्री ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोली इकाइयों (एमएसएमई) के लिए बनाए गए क्लस्टर में स्थित आरआरबी शाखाओं को कपड़ा, लकड़ी के फर्नीचर, चमड़ा, खाद्य प्रसंस्करण, पैकिंग सामग्री जैसे क्षेत्रों में छोटे एवं सूक्ष्म उद्यमों को कर्ज देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन उद्यमों में ऋण पोर्टफोलियो बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं।
सीतारमण ने आरआरबी के प्रायोजक बैंकों और आरआरबी से आगे की चुनौतियों को चिह्नित करने और परिसंपत्ति गुणवत्ता बनाए रखने, डिजिटल सेवाओं का विस्तार करने और मजबूत कॉरपोरेट प्रशासन सुनिश्चित करने पर ध्यान देने को कहा।
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उन्होंने कहा कि प्रासंगिक बने रहने के लिए सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास अपना अद्यतन प्रौद्योगिकी ढांचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल बैंकिंग जैसी डिजिटल बैंकिंग सेवाएं अपेक्षाकृत चुनौतीपूर्ण भौतिक संपर्क वाले क्षेत्रों (मसलन, पूर्वोत्तर राज्य और पहाड़ी क्षेत्र) के लिए वरदान साबित होंगी।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रायोजक बैंक तकनीकी मदद देकर, सर्वोत्तम तरीकों को साझा कर और आरआरबी की सफलता के लिए जरूरी संसाधनों तक पहुंच को सुनिश्चित कर अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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वित्त मंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए आरआरबी से पीएम विश्वकर्मा और पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण मंजूर करते समय लाभार्थियों की स्पष्ट पहचान पर जोर देने को कहा।
उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को जमीनी स्तर पर कृषि ऋण वितरण में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का भी निर्देश दिया।
आरआरबी ने पिछले वित्त वर्ष (2023-24) में 7,571 करोड़ रुपये का अबतक का सर्वाधिक एकीकृत शुद्ध लाभ दर्ज किया है और इनका सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (जीएनपीए) अनुपात भी पिछले 10 साल में सबसे कम 6.1 प्रतिशत रहा।
बैठक में वित्तीय सेवा विभाग के मनोनीत सचिव एम नागराजू, अतिरिक्त सचिव एम पी तंगिरला और रिजर्व बैंक, सिडबी एवं नाबार्ड के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
इससे पहले दिन में वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की भी समीक्षा की। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश होने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक थी।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 19 August 2024 at 21:26 IST