अपडेटेड 12 August 2021 at 12:34 IST

Fastag कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं? जानिए पूरी Details

नेशनल हाई-वे पर वाहनों के संचालन के दौरान टोल शुल्क के लिए फास्टैग अनिवार्य है। फास्टैग के लागू होने के करीब 6 महीने बाद भी लोगों के मन में बहुत से सवाल है।

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देश में नेशनल हाई-वे पर वाहनों के संचालन के दौरान टोल शुल्क के लिए फास्टैग (Fastag) का इस्तेमाल अनिवार्य है। जिस वाहन पर फास्टैग नहीं होता है, उसे टोल प्लाजा में प्रवेश करने पर उस श्रेणी के लिए निर्धारित शुल्क का दोगुना शुल्क देना पड़ता है। डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने प्रतीक्षा समय और ईंधन की खपत को कम करने और शुल्क प्लाजा के माध्यम से एक आसान रास्ता देने के लिए फास्टैग को लागू किया गया है। फास्टैग के लागू होने के करीब 6 महीने बीतने के बाद भी लोगों के मन में इससे जुड़े बहुत से सवाल हैं, जैसे कि फास्टैग कैसे काम करता है और इसका फायदा क्या है। तो चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब...

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फास्टैग कैसे काम करता है

फास्टैग टोल संग्रह के लिए प्रीपेड रिचार्जेबल टैग्स हैं। जिससे टोल टैक्स का स्वचालित भुगतान हो जाता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर चिपकाए जाते हैं। यह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक पर काम करता है। फास्टैग की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है। जैसे ही वाहन टोल प्लाजा को पार करेगा, वाहन के विंडस्क्रीन पर चिपकाए गए फास्ट टैग से लिंक्ड बैंक खाते, प्रीपेड वॉलेट से टोल शुल्क अपने आप कट जाएगा।

कैसे और कहां बनवाएं फास्टैग?

आप ऑनलाइन बैंकिंग या अन्य भुगतान वाले एप्स जैसे पेटीएम, फोनपे के जरिए फास्टैग ले सकते हैं। इसके अलावा भी आप टोल पर लगने वाले कैंपों से भी फास्टैग ले सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी गाड़ी की आरसी दिखानी होगी। बैंक केवाईसी के लिए पैन कार्ड और आधार कार्ड की भी कॉपी देनी होती है।

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फास्टैग का फायदा

फास्टैग की मदद से आपको टोल टैक्स के लिए अपने वाहन को टोल प्लाजा पर रोकना नहीं पड़ेगा। इसका भुगतान सीधे बैंक अकाउंटर से होता है। ऐसे में ज्यादा कैश अपनी जेब में रखने की जरुरत नहीं होती। फास्टैग नहीं होने पर आपको दो गुना टोल देना होता है। ऐसे में फास्टैग होने पर इससे बचा जा सकता है। इसके अलावा आपका ईंधन भी बचता है, क्योंकि टोल पर गाड़ियां रुकेंगी नहीं तो आप जल्दी वहां से निकल सकते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, फास्टैग हर साल ईंधन पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत करेगा, जिससे कीमती विदेशी मुद्रा की बचत होगी और पर्यावरण की भी मदद होगी। 24 घंटे के अंदर वापसी करने पर टोल में भी छूट मिलती है।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 12 August 2021 at 12:21 IST