अपडेटेड 31 January 2024 at 17:47 IST
उद्योग का दर्जा देने से टैक्स में छूट तक... रियल स्टेट को सीतारमण के पिटारे से क्या-क्या उम्मीदें?
Budget 2024: रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि सुधार के बाद भी इस क्षेत्र पर सरकार की ओर से ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
- भारत
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Budget 2024: गुरुवार (1 फरवरी) को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अंतरिम बजट पेश करने को तैयार हैं। वैसे तो यह इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले अंतरिम बजट होगा, लेकिन फिर भी हर सेक्टर को इससे काफी उम्मीदें है। हर कोई यह आस लगाए बैठा है कि वित्त मंत्री जब अपना पिटारा खोलेंगी तो इसमें उनके लिए कुछ न कुछ खास जरूर होगा।
भारत के आर्थिक विकास में रियल एस्टेट सेक्टर की भूमिका भी काफी अहम होती है। ऐसे में इस क्षेत्र को भी उम्मीदें हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनके लिए इस बजट में कोई न कोई बड़ा ऐलान जरूर करेंगी। देखा जाए तो साल 2023 में रियल एस्टेट सेक्टर ने अच्छी खासी वृद्धि हुई है। कोरोना महामारी का असर इस सेक्टर पर भी पड़ा था। हालांकि फिर से अपने पैरों पर खड़ा हुआ। आंकड़े बताते हैं कि देश में रियल एस्टेट की बिक्री प्रमुख शहरों में प्री-कोविड स्तर के 90% तक पहुंच गई है।
रियल एस्टेट सेक्टर को क्या हैं उम्मीदें?
हालांकि रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि सुधार के बाद भी इस क्षेत्र पर सरकार की ओर से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। क्षेत्र से जुड़े लोगों को बजट 2024 से कई तरह की उम्मीदें हैं।
उद्योग का दर्जा देने की मांग
रियल एस्टेट सेक्टर की जो एक मांग यह है कि इस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जाना चाहिए। क्षेत्र से जुड़े लोग मानते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट का हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो रियल एस्टेट सेक्टर का देश की GDP में 7.3 फीसदी योगदान है। यह भारत में 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार भी देता है। आने वाले सालों में इस सेक्टर में तेजी से वृद्धि की संभावना है। इसलिए रियल एस्टेट से जुड़े लोग लंबे समय से उद्योग का दर्जा देने की मांग रहे हैं।
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टैक्स में छूट की डिमांड
इसके अलावा एक मांग यह भी है कि रियल एस्टेट से जुड़े नियमों को भी सरल करने किया जाए। रियल एस्टेट से जुड़े लोग होम लोन के टैक्स के दायरे को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 24 के तहत फिलहाल 2 लाख रुपए से टैक्स लगता है। मांग यह है कि इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए।
ये भी हैं उम्मीदें...
रियल एस्टेट क्षेत्र की मांग यह है कि इसमें सिंगल विंडो क्लीयरेंस की दिशा में भी काम किया जाए। यह मांग लंबे समय से लंबित है। क्षेत्र से जुड़े लोगों के मुताबिक अगर सिंगल विंडो क्लीरेंस की व्यवस्था बनती है तो इससे सरकार और डेवलपर्स दोनों के समय के साथ ही संसाधनों की भी बचत होगी।
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वहीं, रियल एस्टेट सेक्टर इस बजट में स्टांप ड्यूटी दरों में भी छूट की मांग कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना के बाद के समय में घर खरीदने वाले रियल एस्टेट निवेश में दिलचस्पी दिखाई। ऐसे में स्टांप शुल्क दरों में छूट से निवेशकों को और प्रोत्साहन मिलेगा।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 31 January 2024 at 17:28 IST