अपडेटेड 1 February 2024 at 10:29 IST
Budget में बोले जाने वाले भारी-भरकम शब्दों का ये है मतलब, जान गए तो घोषणाओं को समझना होगा आसान
Budget 2024: आम चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मध्यम वर्ग, किसानों और श्रमिकों को काफी उम्मीदें हैं।
- भारत
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Budget 2024: आम चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मध्यम वर्ग, किसानों और श्रमिकों को काफी उम्मीदें हैं। सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का बजट पेश करेंगी। बजट में ऐसी कई बातों और शब्दों का प्रयोग होता है जिन्हें हम आमतौर पर सुनते और समझने का अहसास तो करते हैं लेकिन उसकी परिभाषा और व्याख्या के बारे में नहीं जानते।
तो आइए बजट में इस्तेमाल होने वाले ऐसे ही कुछ शब्दों का मतलब आसान भाषा में समझाते हैं। लेकिन इससे पहले आपको ये भी बताते हैं कि बजट आखिर होता क्या है और कहां से आया ये शब्द।
सबसे पहले जान लीजिए बजट का मतलब
बजट शब्द फ्रेंच भाषा के शब्द बोजेत (Bougette) से बना है। इसका अर्थ होता है छोटा बैग। फ्रेंच भाषा में यह शब्द लैटिन शब्द 'बुल्गा' से लिया गया है। इसका अर्थ है 'चमड़े का थैला'। प्राचीन समय में बड़े व्यापारी अपने सारे मौद्रिक दस्तावेज एक थैले में रखते थे। इसी तरह धीरे-धीरे इस शब्द का प्रयोग संसाधनों को जुटाने के लिए किए गए हिसाब-किताब से जुड़ गया।
इस तरह सरकारों के साल भर के आर्थिक बही-खाते को नाम मिला 'बजट'। सरकार द्वारा देश का आय-व्यय लेखाजोखा पेश करने की शुरुआत ब्रिटेन से हुई थी। ब्रिटेन के वित्त मंत्री संसद में जब आय-व्यय का लेखाजोखा पेश करने आते तो संबद्ध दस्तावेज चमड़े के एक लाल बैग में रखकर लाते। उस बैग को फ्रेंच में ‘बजेटी’ कहा जाता था, जो अंग्रेजी में भाषांतर करते समय ‘बजट’ हो गया।
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जान लीजिए बजट में प्रयोग होने वाले भारी-भरकम शब्द
राजकोषीय घाटा- सरकार की कुल आय-व्यय में अंतर को आर्थिक शब्दावली में 'राजकोषीय घाटा' कहा जाता है। इससे ये जानकारी होती है कि कामकाज को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए कितने उधार की जरूरत होगी।
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चालू खाता घाटा- जब किसी देश की वस्तुओं, सेवाओं और ट्रांसफर का आयात इनके निर्यात से ज्यादा हो जाता है, तब चालू खाते घाटा की स्थिति पैदा होता है। यानी, जब भारत में बनी चीजों और सेवाओं का बाहर निर्यात होता है तो इससे भुगतान हासिल होता है। दूसरी ओर, जब कोई भी वस्तु या सर्विस आयात की जाती है तो उसकी कीमत चुकानी पड़ती है। इस तरह, देश में प्राप्त भुगतान और बाहरी देशों को चुकाई गई कीमत में जो अंतर आता है वह चालू खाता घाटा कहलाता है।
सरकारी राजस्व व व्यय- सरकारी राजस्व सरकार को उसके सभी स्रोतों से होने वाली आमदनी होता है। इसके विपरीत सरकार जिन-जिन मदों में खर्च करती है उसे सरकारी व्यय कहते हैं। यह सरकार की वित्तीय नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
राजस्व सरप्लस- यदि राजस्व प्राप्तियां राजस्व खर्च से अधिक हैं, तो यह अंतर राजस्व सरप्लस की श्रेणी में होगा।
विनियोग विधेयक- विनियोग विधेयक का सीधा अर्थ यह है कि तमाम तरह के उपायों के बावजूद सरकारी खर्चे पूरे करने के लिए सरकार की कमाई नाकाफी है और सरकार को इस मद के खर्चे पूरे करने के लिए संचित निधि से धन की जरूरत है।
अनुदान मांग- यह बजट में खर्चों के पूर्वानुमान और वास्तविक खर्चों के अंतर का ब्योरा है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 1 February 2024 at 10:29 IST