अपडेटेड 10 March 2024 at 11:43 IST

'BJP के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए...',EC अरुण गोयल के इस्तीफे पर कांग्रेस के बयान में कितनी सच्चाई?

अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर सियासत होने लगी है। मुख्य विपक्षी पार्टी इसकी सच्चाई जानना चाह रही है।

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Election Commissioner Arun Goel
चुनाव आयुक्त अरुण गोयल पर कांग्रेस | Image: PTI

Lok sabha Election 2024:  लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना बाकी है। इससे ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे से सियासी पारा हाई है। कांग्रेस को इसमें सियासत दिख रही है। जयराम रमेश से लेकर पार्टी के कई नेताओं ने त्योरियां चढ़ाई और कई सवाल पूछ डाले। इस्तीफे की टाइमिंग खल रही है।

गोयल का कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था और अगले साल फरवरी में वो मौजूदा राजीव कुमार को रिप्लेस कर चुनाव आयुक्त (CEC) बनने वाले थे। इसी साल फरवरी में अनूप चंद्र पांडे के रिटायरमेंटऔर अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में अब सिर्फ एक सदस्य मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार रह गए हैं। कानून मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक अरुण गोयल का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। लेकिन ये साफ नहीं हो सका है कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया?

कांग्रेस को दिखी सियासत

इलेक्शन कमिश्नर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाए। रमेश ने कहा- कल अरूण गोयल ने इस्तीफा दिया इससे मेरे मन में 3 कारण आए कि क्या उनके और मुख्य चुनाव आयुक्त में मतभेद आ गए हैं? क्या उनके और मोदी सरकार में कुछ मतभेद आ गए हैं... मेरे मन ये भी आया कि अभी-अभी कोलकाता हाई कोर्ट के जज इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए। क्या इन्होंने भी भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है। अगले कुछ दिन में स्पष्टीकरण तो आएगा लेकिन मेरे मन में ये सवाल उठे। दोनों सवाल हमारे लोकतंत्र को कमजोर करता है। ये लोकतंत्र पर एक आक्रमण है।"

सांसद कपिल सिब्बल ने भी उठाए सवाल

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "यह निश्चित रूप से (आश्चर्यजनक) है। यदि चुनाव के ठीक पहले, जो कुछ ही महीने दूर है, आप इस्तीफा देते हैं - तो जाहिर है कि कुछ गंभीर बात है जिसके आधार पर उन्होंने इस्तीफा दिया होगा। मैं संभवतः उस कारण का अनुमान नहीं लगा सकता लेकिन जाहिर तौर पर मतभेद का कुछ तत्व है, खासकर जब उनका कार्यकाल अभी खत्म नहीं हुआ था।"

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अरुण गोयल के बारे में...

अरुण गोयल 1985 बैच पंजाब कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रहे हैं। 37 वर्षों से अधिक की सेवा के बाद वह भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव के रूप में स्वैच्छिक तौर पर सेवानिवृत्त हुए थे। फिर नवंबर 2022 में चुनाव आयोग में शामिल हुए थे इस पर भी विवाद छिड़ गया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। बाद में चुनौती वाली याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी गई थी।  मार्च 2023 में जस्टिस जोसेफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार को सीईसी और ईसी की नियुक्ति पर कानून लाने का आदेश दिया था।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 10 March 2024 at 11:43 IST