sb.scorecardresearch

Published 17:11 IST, September 17th 2024

Kolkata Doctor Rape Case: विकिपीडिया पर अब भी मौजूद डॉक्टर का नाम और फोटो, SC ने कहा- तत्काल हटाओ

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि विकिपीडिया पर पीड़ित का नाम और तस्वीर अब भी उपलब्ध है। इसपर कोर्ट ने इसे हटाने के निर्देश दिए हैं।

Follow: Google News Icon
  • share
Supreme Court Upholds 'Bail is Rule, Jail is Exception' Principle, Grants Bail to Man Accused Under
Supreme Court ने विकिपीडिया को दिया आदेश | Image: PTI

उच्चतम न्यायालय ने विकिपीडिया को उस प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का नाम और तस्वीर हटाने का मंगलवार को निर्देश दिया, जिसकी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अगस्त में कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील का संज्ञान लिया कि विकिपीडिया पर पीड़िता का नाम और तस्वीर अब भी उपलब्ध है।

पीठ ने कहा कि कानून के प्रावधान एकदम स्पष्ट हैं कि बलात्कार और हत्या के मामलों में पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जा सकती। उसने कहा, “मृतका की गरिमा और गोपनीयता बनाए रखने के लिये बलात्कार और हत्या के मामले में पीड़िता की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिये।” पीठ ने निर्देश दिया, “विकिपीडिया पूर्व में पारित आदेश के अनुपालन के लिए कदम उठाएगा।”

कोर्ट ने पहली भी दिया था आदेश

सुनवाई के दौरान एक वकील ने दावा किया कि जब विकिपीडिया से पीड़िता का नाम और तस्वीर हटाने को कहा गया, तो उसने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि “उन्हें सेंसर नहीं किया जा सकता है।” मेहता ने दलील दी कि कानून के मुताबिक बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए और यह ‘सेंसर’ करने के समान नहीं है। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने सभी सोशल मीडिया मंच से उस प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का नाम, फोटो और वीडियो हटाने का आदेश दिया था, जिसकी आरजी कर अस्पताल में कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। उसने कहा था कि यौन उत्पीड़न की शिकार महिला की पहचान का खुलासा निपुण सक्सेना मामले में पारित उसके आदेश का उल्लंघन है। 

निपुण सक्सेना केस का दिया था हवाला

उच्चतम न्यायालय ने 2018 में निपुण सक्सेना मामले में अपने फैसले में कहा था, “कोई भी व्यक्ति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया आदि में पीड़िता का नाम प्रकाशित या प्रसारित नहीं कर सकता है या किसी भी तरह से ऐसे तथ्यों का खुलासा नहीं कर सकता है, जिनसे पीड़िता की पहचान उजागर होती हो और बड़े पैमाने पर लोगों को उसके विवरण के बारे में पता चलता हो।”

आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में नौ अगस्त को एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव अर्धनग्न अवस्था में मिला था। घटना में संलिप्तता के आरोप में कोलकाता पुलिस ने 10 अगस्त को एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया था।

ये भी पढ़ें: कोलकाता को मिला नया पुलिस कमिश्नर, 1998 बैच के IPS मनोज कुमार वर्मा को मिली जिम्मेदारी

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 17:13 IST, September 17th 2024