अपडेटेड 2 April 2024 at 08:09 IST
2025 में दौड़ेगी 'सोने की मेट्रो', पहले थी सिल्वर; आखिर DMRC ने क्यों लिया ये बड़ा फैसला?
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मेट्रो चरण -4 परियोजना के हिस्से, तुगलकाबाद से दिल्ली एयरोसिटी कॉरिडोर के रंग कोड में बदलाव की घोषणा की है।

Golden Metro: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने मेट्रो चरण-4 परियोजना के तहत तुगलकाबाद से दिल्ली एयरोसिटी कॉरिडोर के कलर कोड में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है।
पहले इसे सिल्वर लाइन के नाम से जाना जाता था, अब इसे गोल्डन लाइन के नाम से जाना जाएगा।
पटरी पर दौड़ेगी गोल्डन मेट्रो
विजिबिलिटी संबंधी चिंताएं: रंग कोड को सिल्वर से गोल्डन में बदलने का निर्णय विजिबिलिटी संबंधी समस्याओं के कारण लिया गया था। मेट्रो कोचों पर सिल्वर कलर स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहा था।
दूरी कितनी और स्टेशनों की संख्या: 23.62 किलोमीटर तक फैले गोल्डन लाइन कॉरिडोर में कुल 15 स्टेशन होंगे, जो पूरे क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे।
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कब तक दौड़ेगी पटरी पर मेट्रो: इस गलियारे पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है, 2025 में पूरा होने की उम्मीद है।
चरण-4 में अन्य गलियारे
तीन नए कॉरिडोर: गोल्डन लाइन के अलावा, चरण-4 में दो अन्य कॉरिडोर निर्माणाधीन हैं। इनमें जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम तक मजेंटा लाइन का विस्तार और मजलिस पार्क से मौजपुर तक पिंक लाइन का विस्तार शामिल है।
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दिल्ली मेट्रो लाइनों की विशिष्ट पहचान: दिल्ली मेट्रो के प्रत्येक कॉरिडोर की पहचान एक अलग रंग से होती है। उदाहरण के लिए, येलो लाइन समयपुर बादली से गुड़गांव तक चलती है, ब्लू लाइन वैशाली से द्वारका को जोड़ती है, और रेड लाइन नया बस अड्डा से रिठाला तक चलती है।
दिल्ली मेट्रो के चरण-4 के हिस्से के रूप में गोल्डन लाइन की शुरूआत शहर के सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बदलाव न केवल विजिबिलिटी जैसी व्यावहारिक दिक्कतों को संबोधित करता है बल्कि शहर की तेजी से विस्तारित मेट्रो प्रणाली में एक अद्वितीय चरित्र भी जोड़ता है।
Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 2 April 2024 at 08:04 IST