अपडेटेड 1 November 2021 at 20:29 IST

Diwali 2021: बाजारों में बढ़ी Green Crackers की मांग, जानें नॉर्मल पटाखों की तुलना में कैसे बेहतर होते हैं ग्रीन पटाखे?

Diwali 2021: दिवाली मनाने के लिए तैयारियां काफी समय पहले से ही शुरू हो चुकी हैं और लोग जमकर शॉपिंग कर रहे हैं।

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Diwali 2021: दिवाली मनाने के लिए तैयारियां काफी समय पहले से ही शुरू हो चुकी हैं और लोग जमकर शॉपिंग कर रहे हैं। दिवाली की शॉपिंग में कपड़े, गहने और साज-सजावट के सामान के साथ साथ पटाखे (Firecrackers) भी लोग जरूर खरीदते हैं। दिवाली के दिन दुनियाभर में लोग दिया और लाइट्स के साथ साथ, पटाखे जलाना भी पसंद करते हैं। हालांकि, पटाखों से पैदा होने वाला प्रदूषण (air Pollution) हमेशा चर्चा का विषय रहा है। ऐसे में, बाजारों में आजकल ग्रीन पटाखों (green crackers) की मांग काफी बढ़ गई है।

गौरतलब है कि दिवाली से पहले कई राज्यों में पटाखों पर बैन (Firecrackers banned on Diwali) लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं। वही, कुछ राज्य सरकारों ने लोगों से ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करने के लिए कहा है। तमिल नाडू, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान जैसे राज्यों ने ग्रीन पटाखों की बिक्री को अनुमति दे दी है। तो आखिर क्या होते हैं ग्रीन पटाखे (What are Green Crackers) और ये नॉर्मल पटाखों से कैसे अलग (Difference between Green Crackers and Firecrackers) होते हैं-

क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?

जैसा कि नाम से पता लग रहा है- ग्रीन पटाखे नेचर फ्रेंडली होते हैं जो आकार में छोटे होते हैं और इन्हें बनाने में भी कच्चे माल का कम इस्तेमाल होता है। ये राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) की खोज है। बता दें कि ऐसे पटाखों में पार्टिक्यूलेट मैटर (PM) का खास ख्याल रखा जाता है ताकि धमाके के बाद कम से कम प्रदूषण हो। ग्रीन पटाखों से करीब 20 प्रतिशत पार्टिक्यूलेट मैटर निकलता है जबकि 10 प्रतिशत गैस उत्सर्जित होती है जो पटाखे की संरचना पर आधारित होती हैं। आप ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर बने क्यूआर कोड को NEERI नाम के ऐप से स्कैन करके इसे चेक कर सकते हैं।

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नॉर्मल पटाखों से कैसे अलग होते हैं ग्रीन पटाखे?

ग्रीन पटाखों से प्रदूषण कम फैलता है जो इसे बाकी पटाखों से ज्यादा बेहतर बनाता है। पटाखे जलाने से ज्यादा आबादी वाले शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। कोरोना महामारी (Coronavirus) के बीच पटाखे जलाना और ज्यादा खतरनाक है क्योंकि प्रदूषण के कारण इम्यूनिटी कमजोर होती है और लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। 

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साथ ही, ग्रीन पटाखों में हानिकारक केमिकल (Chemical in Green Crackers) नहीं होते हैं या इसमें केमिकल की मात्रा काफी कम होती है। साथ ही, इनसे ध्वनि प्रदूषण (Green Crackers Noise Pollution) भी कम होता है। साइज छोटा होने की वजह से ये कम आवाज करते हैं। ग्रीन पटाखों से अधिकतम 110 से 125 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण होता है, जबकि नॉर्मल पटाखों से 160 डेसिबल तक प्रदूषण होता है।

नॉर्मल पटाखों की तुलना में महंगे होते हैं ग्रीन पटाखे

इतने सारे गुण होने और नॉर्मल पटाखों की तुलना में बेहतर होने के कारण ग्रीन पटाखों का दाम भी ज्यादा होता है। ग्रीन पटाखों से प्रदूषण भले ही हो, लेकिन नॉर्मल पटाखों की तुलना में कम होता है। यही कारण है कि ये नॉर्मल पटाखों की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं। आप सरकार की ओर से रजिस्टर्ड दुकान पर ग्रीन पटाखे खरीद सकते हैं। साथ ही, आपको ग्रीन पटाखे ऑनलाइन (Green Firecrackers Buy Online) भी आराम से मिल जाएंगे।

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Published By : Sakshi Bansal

पब्लिश्ड 1 November 2021 at 20:18 IST