अपडेटेड 18 December 2025 at 07:58 IST

आज प्रदूषण होगा हॉट टॉपिक, VB-G RAM G Bill पर सदन में आधी रात तक चली चर्चा; पक्ष-विपक्ष के सांसदों ने क्या-क्या कहा?

लोकसभा में मनरेगा की जगह लेने वाले VB-G RAM G (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक 2025 पर बुधवार को करीब 14 घंटे तक तीखी बहस चली। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान विपक्षी सांसदों के सवालों का जवा दिया।

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discussion on the VB-G RAM G Bill
VB-G RAM G Bill पर सदन में आधी रात तक बहस | Image: ANI/Republic

केंद्रीय कृष‍ि मंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने बुधवार को लोकसभा में 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी VB-G RAM G (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक 2025 पेश किया। मनरेगा की जगह लेने वाले इस बिल पर संसद में आधी रात कर तीखी बहस चली। कांग्रेस ने मनरेगा का नाम बदलने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए VB-G RAM G बिल का विरोध किया। विपक्ष ने बिल को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की है। जानते हैं पक्ष-विपक्ष के सांसदों ने नए बिल पर क्या-क्या कहा?

बुधवार को लोकसभा में मनरेगा की जगह लेने वाले VB-G RAM G (विकसित भारत-जी राम जी) विधेयक 2025 पर करीब 14 घंटे तक तीखी बहस चली। यह बहस ग्रामीण रोजगार, गांवों की आत्मनिर्भरता और महात्मा गांधी की विरासत को लेकर वैचारिक स्तर पर उतर गई। सदन देर रात 1:35 बजे तक चला और फि स्थगित कर दिया गया। इस विधेयक पर चर्चा में कुल 98 सांसदों ने हिस्सा लिया। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान विपक्षी सांसदों के सवालों का बहस का जवाब दिया।

विकसित भारत का संकल्प पूर्ण होगा-जगदंबिका पाल 

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने वीबी-जी राम जी बिल पर कहा, “ये जो आज संशोधन बिल लाया गया है ये पीएम मोदी का विकसित भारत की उस कल्पना को वास्तविकता के धरातल पर मूर्तरूप देने वाला है कि गांव में मजदूर को पूरे साल काम मिले, मनेरगा में जो 100 दिन मिल रहा था अब वीबी-जी राम जी बिल में 125 दिन मिलेगा। इसे निश्चित तौर से आने वाले दिनों में जो 2047 तक विकसित भारत का संकल्प था वो पूर्ण होगा। ”

कांग्रेस पैसा खा-खाकर मोटे हो गई थी- निशिकांत दुबे

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वीबी-जी राम जी बिल पर कहा, "राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपिता ये सब के नाम पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए कोई योजना नहीं हो सकती है आपने कभी देखा कि कोई योजना राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के नाम पर हो तो राष्ट्रपिता के नाम पर कोई योजना कैसे होगी और सबको पता है कि ये NREGA सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का बिंदु है....पिछले 20 साल कांग्रेस पैसा खा-खाकर मोटे हो गए थे और महात्मा गांधी का नाम बदनाम कर रहे थे। "

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 BJP को महात्मा गांधी के नाम से नफरत है- गुरजीत सिंह 

वहीं, कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने वीबी-जी राम जी बिल का विरोध जताते हुए कहा, "मनेरगा जो कानून ये UPA सरकार द्वारा 2005 में डॉ मनमोहन सिंह पीएम थे तब ये कानून आया। देश के गरीब, मजदूर के लिए ये लाए ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। इनको (भाजपा) तकलीफ थी वहां पर महात्मा गांधी जी का नाम था और बाकि जो इनका ये सब ड्रामा है....इनको सिर्फ महात्मा गांधी के नाम से नफरत है क्योंकि इनके DNA में नाथूराम गोडसे है।'

 उनके माता-पिता ने नहीं दिया था-कांग्रेस सांसद

VB–G RAM G बिल पर कांग्रेस सांसद मल्लू रवि ने कहा, "...सरकार NREGA से महात्मा गांधी का नाम हटाना चाहती है, लेकिन मैंने सदन में कहा कि यह नाम उन्हें उनके माता-पिता ने नहीं दिया था। 'महात्मा' शब्द और 'राष्ट्रपिता' की उपाधि उन्हें देश की जनता ने दी है... कुछ लोगों के नाम कुछ सिद्धांतों और मूल्यों से जुड़े होते हैं।"

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 राज्य इस योजना को लागू नहीं करेंगे-RLP 

RLP अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा,  विपक्ष ने महात्मा गांधी के नाम पर मनरेगा चल रहा था इसका विरोध किया और सबसे बड़ा विरोध इस बात का था राज्यों के अंदर 90% राशी केंद्र रहता था लेकिन अब आपने ज्यादातर राज्यों में 40-60% कर दिया है....ये वित्तीय भार जो राज्यों में पड़ेगा वो ये कई राज्य इस भार को सहन नहीं कर पाएंगे और ये निश्चित रूप से ये राज्य इस योजना को लागू नहीं करेंगे और इसे बंद कर देंगे क्योंकि केंद्र का भुगतान अभी भी पैसों का नहीं हो रहा है।

हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा, दूसरी हमने मांग की कि जिले में मनरेगा के जितने काम होते हैं तो उसके सांसद को आप अध्यक्ष बनाए और सांसद इसकी ढंग से निगरानी कर सके। कही न कही दबाव में ये बिल लाया गया है तो कल हम इस पर जवाब मांगेंगे और हमें अगर लगेगा तो हम इसका विरोध करेंगे।

बिल पर शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?

ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल का बचाव करते हुए कहा कि यह केवल एक रोजगार योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत को गरीबी से मुक्त और आत्मनिर्भर बनाने का व्यापक प्रयास है। उन्होंने पिछले 20 वर्षों में मनरेगा के योगदान को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि बदलती आर्थिक स्थितियां, तकनीक और ग्रामीण जरूरतों को देखते हुए अब नए कानून की आवश्यकता है। नए बिल में रोजगार के साथ आजीविका, कौशल विकास और स्थायी संपत्ति निर्माण को जोड़ा गया है। आज लोकसभा में दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर बहस होगी।

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 18 December 2025 at 07:58 IST