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पब्लिश्ड 21:26 IST, February 2nd 2025

Maha Kumbh 2025: कुछ की आंखों में आंसू तो कुछ ने अपनों को पा लिया...महाकुंभ के बिछड़ों को मिला रहा डिजिटल खोया पाया केंद्र

महाकुंभ डिजिटल खोया-पाया केंद्र हजारों श्रद्धालुओं के लिए मददगार साबित हुआ, मेले में अपनों से बिछड़े अबतक 13 हजार से ज्यादा लोगों को सकुशल परिजनों से मिलाया है।

Reported by: Digital Desk
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डिजिटल खोया पाया केंद्र | Image: x

महाकुंभ मेला 2025 अपने भव्य स्वरूप और श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व उपस्थिति के साथ ही ऐतिहासिक आयोजन बन चुका है। इस दिव्य आयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने कई अनुकरणीय पहल किए हैं। इस बार महाकुंभ में खोए हुए लोगों को शीघ्रता से उनके परिवारों से मिलने के लिए योगी सरकार ने डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जिससे अबतक हजारों श्रद्धालुओं और उनके परिजनों को राहत मिली है।

इस बार के कुंभ में बिछड़े हुए 13 हजार से ज्यादा लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में सरकार को सफलता मिली है। इनमें 64 फीसदी से ज्यादा संख्या महिलाओं की रही। यही नहीं पुलिस द्वारा 23 अलग अलग राज्यों और नेपाल से आए श्रद्धालुओं का उनके परिवारों से सफलतापूर्वक पुनर्मिलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। परिवार से बिछड़ने वालों में नेपाल से आए 11 लोगों के केस भी दर्ज किए गए, जिनका शीघ्र ही उनके परिवारों से पुनर्मिलन कराया गया।

हजारों परिवारों को मिली राहत

मौनी अमावस्या के दौरान भी भीड़ का प्रबंधन करते हुए डिजिटल खोया-पाया केंद्रों ने बड़ी संख्या में बिछड़े श्रद्धालुओं को उनके परिवार से मिलाया, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 दिसंबर 2024 को डिजिटल प्रणाली के जरिए खोया-पाया केंद्रों का शुभारंभ किया था। इस के साथ ही मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन और मेला प्राधिकरण को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो। इसी के तहत 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए, जो संगम, झूसी, अरैल, फाफामऊ में सेक्टर 3, 4, 5, 8, 9, 21, 23, 24 और प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के पास स्थित हैं।

AI आधारित चेहरा पहचान प्रणाली का इस्तेमाल 

डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में अत्याधुनिक एआई आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, मशीन लर्निंग और बहुभाषीय समर्थन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इससे मेला क्षेत्र में बिछड़े हुए श्रद्धालुओं को तेजी से उनके परिवारों से मिलाया जा सका है। डिजिटल खोया-पाया केंद्रों में उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की अहम भूमिका रही। यूनिसेफ सहित कई गैर-सरकारी संगठनों ने भी इसमें सक्रिय योगदान दिया।

हर जरूरतमंद को दी जा रही आवश्यक सुविधाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत इन केंद्रों पर प्रतीक्षा कक्ष, चिकित्सा कक्ष, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं, ताकि पुनर्मिलन प्रक्रिया के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा न हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महाकुम्भ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सेवा और सुशासन का भी प्रतीक बने। इसी के तहत डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की गई है। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए श्रद्धालु नजदीकी डिजिटल खोया-पाया केंद्र से संपर्क कर सकते हैं या आधिकारिक हेल्पलाइन 1920 पर कॉल कर सकते हैं।

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अपडेटेड 21:26 IST, February 2nd 2025