अपडेटेड 16 November 2025 at 11:08 IST

Delhi Blast: लाल किला के पास जहां हुआ था धमाका, उसी जगह से बरामद हुए 9mm के तीन कारतूस; सिर्फ आर्मी-पुलिस करती है उस पिस्‍टल का इस्‍तेमाल

दिल्ली में लाल किले के सामने हुए कार ब्लास्ट ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया। धमाके वाली कार एक i20 थी, जो ब्लास्‍ट के बाद आग की लपटों में घिर गई।

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Delhi Red Fort Blast: 9mm bullet Found Near Red Fort, But No Weapon In Sight
Delhi Blast: लाल किला के पास जहां हुआ था धमाका, उसी जगह से बरामद हुए 9mm के तीन कारतूस; सिर्फ आर्मी-पुलिस करती है उस पिस्‍टल का इस्‍तेमाल | Image: AP

दिल्ली में लाल किले के सामने हुए कार ब्लास्ट ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया। धमाके वाली कार एक i20 थी, जो ब्लास्‍ट के बाद आग की लपटों में घिर गई। घटना स्थल की गहन जांच के दौरान पुलिस को वहां से 9mm कैलिबर के तीन कारतूस मिले हैं जिनमें दो जिंदा और एक खाली खोखा है। सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि घटनास्थल से किसी भी पिस्टल या हथियार का कोई निशान नहीं मिला। यानी कारतूस तो मिले, लेकिन जिस हथियार से उन्हें चलाया जा सकता था, वह गायब है।

आपको बता दें कि 9mm पिस्टल सामान्य नागरिक नहीं रख सकते। यह आमतौर पर सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों द्वारा इस्तेमाल की जाती है। इसलिए यह बड़ा सवाल है कि कारतूस वहां पहुंचे कैसे? जांच के दौरान मौके पर मौजूद सभी पुलिसकर्मियों के हथियार और कारतूस की गिनती कराई गई। लेकिन किसी के पास से कोई कारतूस गायब नहीं मिला। अब एजेंसियां इस पहलू की जांच कर रही हैं कि ये कारतूस ब्लास्ट के बाद कार से गिरे या किसी ने उन्हें जानबूझकर वहां फेंका। कारतूस की बरामदगी और हथियार के गायब होने ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

ब्लास्ट के बाद का वीडियो साक्ष्य

घटना के तुरंत बाद का CCTV फुटेज भी सामने आया है। इस वीडियो में लोग घायलों को रेहड़ी और ई-रिक्शा के जरिये अस्पताल ले जाते देखे जाते हैं। कुछ लोग घायल व्यक्तियों को सड़क किनारे लिटाते दिखाई दिए, जबकि पीछे गाड़ियों में आग लगी हुई देखी जा सकती थी। यह वीडियो बताता है कि ब्लास्ट के बाद मौके पर भारी अफरातफरी और हड़कंप था।

फरीदाबाद से जुड़ा सुराग

जांच में बड़ा खुलासा तब हुआ जब यह पता चला कि ब्लास्ट में इस्तेमाल हुई i20 कार आतंकी उमर की थी, जो जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़ा है। दिल्ली पुलिस ने इस कार की ट्रैकिंग के लिए 43 CCTV फुटेज खंगाले। इससे पता चला कि 29 और 30 अक्टूबर को यह कार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में खड़ी थी।

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परंतु एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि उमर का साथी आतंकी मुजम्मिल 28 अक्टूबर को ही गिरफ्तार हो चुका था, यानी दो दिन पहले।अब सवाल उठ रहा है कि जब मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद उमर का नाम जांच एजेंसियों को पता था, तो क्या फरीदाबाद या कश्मीर पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के CCTV कैमरे जल्दी खंगाले?

दिल्ली में कैसे पहुंची ब्लास्ट वाली कार

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जांच के डिजिटल रिकॉर्ड के मुताबिक, 30 अक्टूबर के बाद उमर पहली बार 9 नवंबर को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर दिखाई दिया। इसके बाद 10 नवंबर की सुबह 8 बजे कार दिल्ली में दाखिल हुई और धीरे-धीरे कई VVIP इलाकों से गुजरते हुए लालकिले के पास पहुंची। उसी दिन ब्लास्ट हुआ जिसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 16 November 2025 at 11:08 IST