अपडेटेड 17:19 IST, July 31st 2024
BREAKING: दिल्ली IAS एस्पिरेंट्स मौत मामले में आरोपियों को झटका, कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश के पानी में डूबने से 3 छात्रों की मौत के मामले में आरोपियों की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया।

BREAKING: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश के पानी में डूबने से 3 छात्रों की मौत के मामले में आरोपियों की जमानत याचिका को तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
तीस हजारी कोर्ट ने मनुज कथूरिया, तेजिंदर, हरविंदर, परविंदर और सरबजीत की जमानत याचिका खारिज कर दी। तीस हजारी कोर्ट ने मनुज कथूरिया की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर जांच अधिकारी से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई MCD को फटकार
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली नगर निगम के साथ-साथ दिल्ली पुलिस को जबरदस्त फटकार लगाई है। अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए एमसीडी कमिश्नर, जिले के डीसीपी और जांच अधिकारी (IO) को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। साथ में हाईकोर्ट ने राजेंद्र नगर इलाके में सभी नालों के ऊपर किए गए सभी अवैध निर्माण को शुक्रवार तक हटाने का निर्देश दिए हैं।
राजेंद्र नगर की घटना पर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर हैरानी जताई। अदालत ने कहा कि अजीब जांच चल रही है, पुलिस पास से गुजरने वाले कार चालक के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ नहीं। दिल्ली पुलिस और MCD ने अभी तक क्या किया है। राह से गुजरते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। एमसीडी के कितने अधिकारी गिरफ्तार हुए? हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में तुरंत जिम्मेदारी तय की जाए।
हाईकोर्ट ने MCD से हलफनामा दाखिल करने को कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने MCD से हलफनामा दाखिल कर अब तक उठाए गए कदम के बारे में बताने को कहा है। अदालत ने दिल्ली पुलिस को मामले में पक्षकार बनाया और कहा कि जांच अधिकारी को कल सभी फाइलें लेकर आना है। एमसीडी कमिश्नर को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में तलब किया गया है। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि हम इस मामले में जिम्मेदारी तय करने के लिए आदेश पारित करेंगे। अदालत ने इसे इंफ्रास्ट्रक्चरल ब्रेकडाउन करार दिया है और सख्ती के साथ कहा कि दुर्भाग्य से बहुत से अधिकारी परस्पर विरोधी उद्देश्यों के लिए काम कर रहे हैं। बहुत ज्यादा दोषारोपण हो रहा है। दिल्ली के पूरे प्रशासनिक ढांचे की फिर से जांच की जानी चाहिए।
पब्लिश्ड 17:07 IST, July 31st 2024