अपडेटेड 21 March 2025 at 17:16 IST
कौन हैं दिल्ली HC के जज यशवंत वर्मा, जिनके घर में मिला कैश का भंडार; नोटों का ढेर देखकर हैरान थे सब
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अक्टूबर 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट में नियुक्ति से पहले फरवरी 2016 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
- भारत
- 2 min read

राष्ट्रीय राजधानी में स्थित अपने आधिकारिक आवास से कथित तौर पर बड़ी नकद राशि मिलने को लेकर विवादों में आये न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को अक्टूबर 2021 में दिल्ली उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यायमूर्ति वर्मा के आवास में भीषण आग लगने के बाद कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई।
दिल्ली उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा ने 11 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले एक फरवरी, 2016 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। उनका आठ अगस्त, 1992 को एक वकील के रूप में पंजीकरण हुआ था।
भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। न्यायमूर्ति वर्मा का जन्म छह जनवरी, 1969 को हुआ था। उन्हें 13 अक्टूबर, 2014 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज से बी.कॉम (ऑनर्स) की पढ़ाई की और मध्य प्रदेश के रीवा विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की।
Advertisement
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में, उन्होंने कॉर्पोरेट कानूनों, कराधान और कानून की संबद्ध शाखाओं के अलावा संवैधानिक, श्रम और औद्योगिक मामलों में पैरवी की। वह 2006 से अपनी पदोन्नति तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विशेष अधिवक्ता भी रहे। इसके अलावा 2012 से अगस्त 2013 तक उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य स्थायी अधिवक्ता भी रहे, जब उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।
Advertisement
(PTI की खबर में सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया गया है)
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 21 March 2025 at 17:16 IST