अपडेटेड 28 May 2024 at 19:41 IST
स्वाति मालीवाल कांड के आरोपी विभव कुमार को फिर झटका, 3 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा
आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साभ मारपीट मामले में मुख्य आरोपी विभव कुमार को कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।
- भारत
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Swati Maliwal case : आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साभ मारपीट मामले में मुख्य आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी विभव कुमार को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विभव कुमार को 3 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। अब 31 मई को विभव को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कोर्ट से 3 दिन की पुलिस कस्टडी मिलने से पहले विभव के वकील ने पुलिस की मांग का पुरजोर विरोध किया था। विभव कुमार के वकील ने कहा कि आरोप बस इतना है कि मार पिटाई हुई, NVR और मोबाइल दोनों पुलिस की कस्टडी में है। दोनों का डाटा पुलिस रिकवर कर सकती है। मोबाइल फॉर्मेट होने को लेकर कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं हैं। विभव के पक्ष में दलील रखते हुए वकील ने कहा कि जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। ऐसे में न्यायिक हिरासत में रहे या पुलिस कस्टडी में। सबूतों से दूर ही रहना होगा। फिर पुलिस कस्टडी की क्या जरूरत है?
चोट लगने पर उठाए सवाल
स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया है कि जिस दिन वो अरविंद केजरीवाल ने मिलने उनके घर पहुंची थी। उस दिन वेटिंग रूम में विभव ने स्वाति के साथ जमकर मारपीट की थी। इस प्रकरण में 13 मई को घटना के दिन मुख्यमंत्री आवास के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें से एक में मालीवाल को सुरक्षाकर्मियों के साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरे में वह सिविल लाइंस में मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकलती दिखाई देती हैं। विभव के वकील ने दलील दी कि जो चोट लगी है, वो 16 तारीख की मेडिकल रिपोर्ट में आई है और वो चोट विभव ने पहुंचाई है या पहले से थी इसकी कोई जांच नहीं हुई है।
जमानत याचिका हो चुकी है खारिज
विभव कुमार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी हैं। मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर 13 मई को AAP की राज्यसभा सदस्य मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने विभव कुमार को 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। विभव कुमार के वकील ने पूछताछ करने की दिल्ली पुलिस की याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि उसके पास कोई सबूत नहीं है।
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इससे पहले सोमवार को कोर्ट ने विभव कुमार की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि ऐसा लगता है कि FIR दर्ज कराने का मालीवाल का कोई पूर्व-नियोजित इरादा नहीं था और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज नहीं किया जा सकता। विभव कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता के अलग-अलग प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 28 May 2024 at 18:30 IST