Published 15:53 IST, August 23rd 2024
जेपी नड्डा ने लॉन्च किया नेशनल मेडिकल रजिस्टर, डॉक्टरों के लिए अब यूनिक आईडी
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के तहत नेशनल मेडिकल रजिस्टर का उद्घाटन किया है।
JP Nadda Launched National Medical Register: दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के तहत नेशनल मेडिकल रजिस्टर का उद्घाटन किया है। यह रजिस्टर देश के डॉक्टरों की प्रामाणिक जानकारी को संरक्षित करेगा और मेडिकल क्षेत्र में पारदर्शिता लाने में मदद करेगा। नड्डा ने इस पहल को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक जरूरी कदम बताया है।
इस अवसर पर नड्डा ने बताया कि यह पोर्टल नेशनल मेडिकल कमिशन (NMC) और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के सहयोग से तैयार किया गया है। यह भारत में सभी एलोपैथिक (MBBS) पंजीकृत डॉक्टरों के लिए एक व्यापक और महत्वपूर्ण डेटाबेस बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है और यह हेल्थ इकोसिस्टम के डिजिटल सशक्तिकरण से ही संभव होगा।
जेपी नड्डा ने किया पोर्टल लॉन्च
जेपी नड्डा ने कहा कि नेशनल हेल्थ रजिस्टर डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम को सशक्त करेगा और भारतीय नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी देगा। उन्होंने आगे कहा कि पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया को निरंतर उन्नत करते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर को भी अपग्रेड किया जाएगा। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और प्रतापराव जाधव भी मौजूद थे। नेशनल मेडिकल रजिस्टर एनएमसी एक्ट 2019 की धारा 31 के तहत अनिवार्य है।
13 लाख से ज्यादा डॉक्टरों का डेटा मिलेगा
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने बताया कि अब तक देश में डॉक्टरों की विस्तृत जानकारी की कमी थी। एनएमआर के माध्यम से 13 लाख से ज्यादा डॉक्टरों का डेटा सुनिश्चित किया जाएगा। यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत हेल्थकेयर प्रोफेशनल रजिस्ट्री का हिस्सा होगा, जिसमें मेडिकल प्रोफेशनल्स का पूरा विवरण होगा।
डॉक्टरों को मिलेगा यूनीक आईडी
देश के सभी डॉक्टरों को एक यूनीक आईडी मिलेगा। "वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन" की अवधारणा के तहत नेशनल मेडिकल रजिस्टर (NMR) लागू किया गया है। इससे एमबीबीएस पास करते ही डॉक्टर का एनएमआर पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और विभिन्न राज्यों में रजिस्ट्रेशन में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाएगी। अब सरकार पैरामेडिक्स और अन्य स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के लिए भी इसी तरह का रजिस्टर शुरू करने की योजना बना रही है, जिससे एक विशाल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम तैयार होगा।
दीक्षांत समारोह में अब भारतीय ड्रेस कोड
एम्स सहित केंद्र सरकार के सभी मेडिकल शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोह में अब भारतीय ड्रेस कोड लागू होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि प्रत्येक राज्य के एम्स और राष्ट्रीय महत्व के केंद्रीय संस्थानों को स्थानीय परंपराओं के आधार पर उपयुक्त भारतीय ड्रेस कोड डिजाइन करना होगा। वर्तमान में दीक्षांत समारोह के दौरान छात्र पारंपरिक काले रंग के कपड़े (black robe) और कैप पहनते हैं।
ड्रेस कोड में बदलाव का कारण
मंत्रालय ने इस बदलाव के पीछे कारण बताते हुए कहा है कि वर्तमान प्रथा एक 'औपनिवेशिक विरासत' है, जिसे बदलने की जरूरत है। इस पोशाक की शुरुआत मध्य युग में यूरोप में हुई थी और अंग्रेजों ने इसे अपने सभी उपनिवेशों में पेश किया था। इसलिए मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि एम्स/आईएनआई सहित सभी केंद्रीय संस्थान अपने दीक्षांत समारोह के लिए स्थानीय परंपराओं के आधार पर एक उपयुक्त भारतीय ड्रेस कोड अपनाएंगे। यह ड्रेस कोड केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की मंजूरी के बाद लागू होगा।
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Updated 23:07 IST, August 23rd 2024