अपडेटेड 18:04 IST, February 5th 2025
दिल्ली सरकार पर बोली उच्च न्यायालय, कहा- गवर्नमेंट कोचिंग संस्थानों के मुद्दों के समाधान के लिए उठा रही कदम
सरकार का कल्याण विभाग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए कोचिंग संस्थानों को भुगतान के मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठा रहा है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि सरकार का कल्याण विभाग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ के तहत कोचिंग संस्थानों को भुगतान के मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठा रहा है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने कहा कि याचिकाकर्ता कोचिंग संस्थानों में से प्रत्येक को विभाग के विशेष सचिव द्वारा सुनवाई का अवसर दिया जाना चाहिए और उचित सत्यापन के बाद उनकी तय राशि जारी करने पर निर्णय लिया जाना चाहिए।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा
अदालत ने कहा, ‘‘यह आशा और अपेक्षित है कि डीएससीएसटी याचिकाकर्ताओं की शिकायतों को हल करने और यह सुनिश्चित करने के लिए शीघ्र कदम उठाएगा कि योजना का उद्देश्य कमतर न हो।’’ इसके साथ ही अदालत ने कोचिंग संस्थानों द्वारा दायर याचिकाओं का निपटारा कर दिया। यह आदेश 28 जनवरी को पारित किया गया और तीन फरवरी को उपलब्ध कराया गया।
विभिन्न कोचिंग संस्थानों द्वारा याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें दिल्ली सरकार को सितंबर 2019 की ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ के उचित कार्यान्वयन के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। इस योजना की शुरुआत उपर्युक्त श्रेणियों से संबंधित आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग प्रदान करने के लिए की गई थी ताकि वे विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयन के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो सकें।
दिल्ली सरकार के 2019 के आदेश ने कोचिंग की अवधि और कोचिंग शुल्क की अधिकतम सीमा तय की, जिसके लिए कोचिंग संस्थान प्रति उम्मीदवार हकदार होगा। इस योजना के तहत, सरकार ने संबंधित कोचिंग संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओए) किया। एमओए के एक खंड में कहा गया है कि पाठ्यक्रम शुल्क का 50 प्रतिशत और पाठ्यक्रम के लिए पूरा वजीफा उम्मीदवारों के नामांकन और उनके विवरण प्राप्त होने के बाद संस्थानों को जारी किया जाएगा।
योजना के तहत दूसरी किस्त संस्थान द्वारा आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने पर जारी की जाएगी। कोचिंग संस्थानों का दावा है कि दिल्ली सरकार ने तय नियमों के विपरीत काम किया और पहली किस्त का भुगतान भी नहीं किया।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
पब्लिश्ड 18:04 IST, February 5th 2025