अपडेटेड 8 December 2025 at 19:46 IST
दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में ED ने फाइल की चार्जशीट, पूर्व AAP मंत्री सत्येंद्र जैन समेत 14 पर आरोप
Delhi News : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड के 4 STP प्रोजेक्ट्स में टेंडर घोटाले के मामले में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन, पूर्व CEO उदित राज और अन्य 12 के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चार्जशीट दायर करदी है। 6.73 करोड़ की घूस देकर टेंडर में हेराफेरी की गई, जिससे कंपनी को 9.96 करोड़ का लाभ हुआ। ED ने 15.36 करोड़ की संपत्ति अटैच की है।
- भारत
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Delhi Jal Board Scam : दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के टेंडर घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अपनी चार्जशीट दायर करदी है। इस मामले में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता सत्येंद्र जैन सहित 14 लोगों को आरोपी माना गया है।
ED ने यह कार्रवाई ACB की FIR के आधार पर की है, जिसमें आरोप था कि दिल्ली जल बोर्ड के 4 बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) प्रोजेक्ट्स के टेंडर में भारी घोटाला किया गया। इनमें पापंकलां-निलोठी, नजफगढ़-केशोपुर, कोरोनेशन पिलर-नरेला-रोहिणी और कोंडली पैकेज जैसे चार बड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट्स के टेंडरों में अनियमितताओं का आरोप है।
कौन-कौन आरोपी?
दिल्ली जोनल ऑफिस ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दायर की है। आरोपियों में दिल्ली सरकार में पूर्व जल मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व CEO उदित प्रकाश राय, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मेंबर अजय गुप्ता, दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व चीफ इंजीनियर सतीश चंद्र वशिष्ठ और निजी कंपनी शामिल हैं। जांच एजेंसी ने पाया कि Euroteck Environmental Pvt Ltd (EEPL) के अधिकारियों ने DJB के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर टेंडर शर्तें इस तरह बदलीं कि केवल IFAS टेक्नोलॉजी (फिक्स्ड मीडिया) ही योग्य हो, जिससे कंपनी अकेली बोली जीतने वाली बन गई।
कैसे हुआ घोटाला?
जांच में पाया गया कि M/s Euroteck Environmental Pvt Ltd के MD राजाकुमार कुर्रा ने DJB अधिकारियों की मदद से टेंडर की शर्तें बदलवाईं। टेंडर को इस तरह बनाया गया कि केवल IFAS टेक्नोलॉजी (फिक्स्ड मीडिया) ही अनिवार्य हो, जिससे EEPL अकेली योग्य कंपनी रह जाए।
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कितने रुपये का घोटाला?
इस घोटाले में कुल 6.73 करोड़ रुपये का अवैध कमीशन और घूस बैंकिंग चैनलों और हवाला से दिया गया। इससे EEPL को 9.96 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ हुआ, जबकि कुल 17.70 करोड़ रुपये को ED ने Proceeds of Crime घोषित किया। ED ने 4 दिसंबर 2025 को 15.36 करोड़ रुपये मूल्य की चल-अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया।
आरोपियों पर टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर, मनी लॉन्ड्रिंग और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। यह मामला दिल्ली सरकार की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। अदालत में सुनवाई के दौरान और भी खुलासे हो सकते हैं।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 8 December 2025 at 19:46 IST